प्रतिनिधि, बासुकिनाथ वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी के बाद नवमी तिथि सोमवार को सीता नवमी पर बाबा फौजदारीनाथ दरबार में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. भक्तों ने बाबा फौजदारीनाथ की पूजा कर सुख-समृद्धि की कामना की. वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पंडितों के द्वारा षोडशोपचार विधि से पूजा की. करीब 30 हजार शिवभक्तों ने भोलेनाथ का जलाभिषेक किया. पुरोहितों ने दूध, दही, घी, गुड़, भांग, ईख का रस, गंगाजल आदि से पंचामृत स्नान कराया. मंदिर प्रांगण में भक्तों ने अपने बच्चों का उपनयन संस्कार कराया. सरकारी पूजा के बाद मंदिर गर्भगृह का गेट भक्तों के लिए खोल दिया गया. श्रद्धालुओं ने पवित्र शिवगंगा में आस्था की डुबकी लगाकर फौजदारीनाथ की पूजा की. इसके साथ ही भक्तों ने अपने-अपने पूर्व मनौतियों को लेकर बच्चों के मुंडन संस्कार कराया. पंडित सुधाकर झा ने बताया कि इस तिथि पर भक्तों ने जगत की देवी मां जानकी और भगवान श्रीराम की पूजा की गयी. महिलाएं सुख और सौभाग्य में वृद्धि के लिए सीता नवमी पर व्रत भी रख रही हैं. इस व्रत को करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. मंदिर परिसर हर-हर महादेव के नारे से गुंजायमान रहा. गर्भगृह गेट पर श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल लगे रहे.
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