संजीत मंडल
सारठ से कृषि मंत्री रणधीर सिंह और दुमका से डॉ लोइस मरांडी हैं मैदान में
देवघर : पांचवें चरण के चुनाव में संताल परगना की 16 सीटों पर कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. पूर्व मुख्यमंत्री व झामुमो नेता हेमंत सोरेन सहित रघुवर सरकार दो मंत्रियों की प्रतिष्ठा इस फेज में फंसी है.
इस फेज की 16 में से छह सीटें भाजपा के पास हैं. तीन कांग्रेस और सात सीटें झामुमो के पास हैं. पूर्व सीएम हेमंत दुमका और बरहेट दो विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. दुमका में उनका सामना फिर डॉ लोइस मरांडी से होगा, जो सरकार में मंत्री हैं. वहीं, बरहेट में हेमंत के सामने सिमोन मालतो हैं. इस चुनाव में भाजपा, झामुमो के साथ-साथ झाविमो, आजसू सहित दूसरे दल कोण बनाने में लगे हैं.
15 सीटिंग विधायक भी हैं मैदान में
पांचवें चरण में 15 विधायकों की प्रतिष्ठा भी दांव पर है. इनमें हेमंत सोरेन, डॉ लोइस मरांडी, रणधीर सिंह के अलावा शिकारीपाड़ा से नलिन सोरेन, जामा से सीता सोरेन, गोड्डा से अमित मंडल, महगामा से अशोक कुमार, पोड़ैयाहाट से प्रदीप यादव, जामताड़ा से इरफान अंसारी, नाला से रवींद्र नाथ महतो, जरमुंडी से बादल पत्रलेख, राजमहल से अनंत ओझा, बोरियो से ताला मरांडी, महेशपुर से प्रो स्टीफन मरांडी, पाकुड़ से आलमगीर आलम हैं. लिट्टीपाड़ा के विधायक साइमन मरांडी चुनाव नहीं लड़ रहे हैं.
तीन सीटों पर अधिक प्रत्याशी से सोच में बड़े दल के नेता
इस विधानसभा चुनाव में तीन सीटों पर अधिक प्रत्याशी होने के कारण सीटिंग विधायक और अन्य दलों के बड़े नेता सोच में पड़े हैं. सबसे अधिक 26 प्रत्याशी जरमुंडी में हैं, जबकि राजमहल में 23 और सारठ में 21 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. अधिक प्रत्याशी होने के कारण वोटों के बिखराव की आशंका सभी बड़े दलों के प्रत्याशी को सता रही है.