दुमका :झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री रघुवर दास कोझारखंडका सबसे बड़ा घुसपैठिया करार दिया है. उन्होंने मुख्यमंत्री की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किये हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा है कि राज्य के मुखिया सुंदर बालाओं के साथ रैंप पर चल रहे हैं. उन्हें न किसानों की चिंता है, न राज्य में फैल रहे चिकनगुनिया और डेंगू को रोकने की.
राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) और झारखंड में बांग्लादेशियों की घुसपैठ से जुड़े एक सवाल के जवाब में श्री सोरेन ने कहा कि लोग इसे छोटे परिदृश्य में देख रहे हैं. इसे राष्ट्रीय परिदृश्य में देखने की जरूरत है. झामुमो नेता ने कहा कि सबसे पहले मुख्यमंत्री को आइडेंटिफाइ किया जाना चाहिए. वह राज्य के सबसे बड़े घुसपैठिया हैं.
इससे पहले उन्होंने मसानजोर डैम पर पश्चिम बंगाल और झारखंड सरकार के बीच उत्पन्न गतिरोध पर प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने रघुवर दास सरकार को कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने इसे राजनीति से प्रेरित मुद्दा बताया. साथ ही सरकार पर बड़ा हमला करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि झारखंड में सरकार नहीं चल रही. यहां असामाजिक तत्वों का राज है.
यह भी पढ़ लें
व्हाइट हाउस में हुई अहम बैठक की बातचीत को कर लिया रिकॉर्ड!
लंदन को पीछे छोड़ दुनिया का सबसे इनोवेटिव शहर बना तोक्यो, मुंबई 92वें नंबर पर
‘टच द सन’ मिशन लांच, 9.30 करोड़ मील की दूरी तय कर 5 नवंबर को सूर्य की कक्षा में करेगा प्रवेश
हेमंत सोरेन ने कहा कि नेता, मंत्री और अधिकारियों के बयान अशोभनीय हैं. राज्य के पुलिस महानिदेशक कहते हैं कि छह इंच छोटा कर देंगे. एक मंत्री हैं, जो कहती हैं कि आंख निकाल लेंगे. उन्होंने कहा कि मसानजोर डैम को लेकर जो विवाद है, वह कोई नया मुद्दा नहीं है. बयानबाजी करके इसे राजनीतिक रंग दिया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग देश के किसी भी कोने में जाकर ठेकेदारी कर सकते हैं. कहा : मुझे मालूम हुआ है कि कोई टेंडर निकला था. भाजपा नेता को यह टेंडर नहीं मिला, तो यहां आकर मसानजोर डैम का विवाद खड़ा कर दिया.
उन्होंने कहा कि बयानबाजी की शुरुआत ठेका-टेंडर की वजह से हुई. भारतीय जनता पार्टी के जिला के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता,जो ठेकादार भी हैं और व्यवसाय भी करते हैं,ने ठेका नहीं मिलनेपरइसविवाद को जन्म दिया. उन्होंने कहा कि सरकार लैंड बैंक के नाम पर जमीन का अधिग्रहण कर रही है. लेकिन, सच्चाई यह है कि मसानजोर डैम के विस्थापितों को समुचित मुआवजा उन्हें आज तक नहीं मिला.
यह भी पढ़ लें
ऐसी थी सोमनाथ चटर्जी की शख्सीयत
लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष वामपंथी नेता सोमनाथ चटर्जी का निधन
रांची : रीजनल बिशप्स काउंसिल ने ईसाई संगठनों पर कार्रवाई का किया विरोध, कहा- सरकार का रवैया दमनकारी
मुजफ्फरपुर के बाबा गरीबनाथ मंदिर में भगदड़
उन्होंने कहा कि यह कोई नया मुद्दा नहीं है. आप इसे राजनीति से प्रेरित बयान कह सकते हैं. उन्होंने कहा कि वे लोग पहले से ही मांग करते रहे हैं कि मसानजोर डैम के पानीके इस्तेमाल की अनुमति झारखंड को मिले. श्री सोरेन ने कहा कि चूंकि यह दो राज्यों के बीच का मसला है, डैम के स्वामित्व और इसके पानी के इस्तेमाल पर फिर से विचार होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि सीमित संसाधन के साथ मसानजोर डैम के पानी का इस्तेमाल करने का प्रयास कियागया. कनाल की लाइनिंग की गयी, ताकि झारखंड के लोगों को भी डैम का लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि मसानजोर डैम पर सरकार के मंत्री और नेता जो बयान दे रहे हैं, वह राजनीतिक व्यक्ति का बयान नहीं है.