निशाना. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रेसवार्ता में कहा
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42 गांवों को शहर में मिलाना गलत
निशाना. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रेसवार्ता में कहा दुमका : मास्टर प्लान में नगरीय क्षेत्र के विस्तार के सरकार के फैसले का प्रमुख विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोरचा ने विरोध किया है. पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुमका के खिजुरिया स्थित अपने आवास में पत्रकारों से बातचीत में कहा […]
दुमका : मास्टर प्लान में नगरीय क्षेत्र के विस्तार के सरकार के फैसले का प्रमुख विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोरचा ने विरोध किया है. पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुमका के खिजुरिया स्थित अपने आवास में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि रघुवर सरकार की मंशा सही नहीं है. कभी स्थानीयता, तो कभी सीएनटी-एसीपीटी एक्ट के माध्यम से वह जनता को छलने का प्रयास कर रही है.
अब वह शहरीकरण के नाम पर आदिवासी मूलवासी को छलने में लगी हुई है.
सरकार के ऐसे प्रयास से दुमका के 42 गांव के लोग विस्थापन, बेरोजगारी व बदहाली का दंश झेलेंगे. उन्होंने कहा कि वे इसका पुरजोर विरोध करेंगे. लड़ाई को आगे तक ले जायेंगे. श्री सोरेन ने कहा कि ऐसा करने से पहले सरकार को बताना चाहिए कि शहर के अंदर जो लोग बसे हुए हैं, उन्हें आज के दिन भी सरकार क्या नगरीय सुविधाएं दिला पाने में सक्षम है? न तो बिजली 24 घंटे मिल रही है, न ही स्वच्छ पानी हर घर को उपलब्ध है. स्वच्छता के नाम पर उपराजधानी अपना स्थान तक नहीं बना पाया. उपराजधानी आज असामाजिक तत्व एवं गुंडे मवालियों का अड्डा बन चुका है, जहां लड़कियों के साथ सामूहिक बलात्कार हो रहा है. लड़कियां असुरक्षित हो गयी है. दुर्व्यवहार हो रहा है.
जय शाह नोटबंदी के बाद के पहले बेनीफिशरी!
एक सवाल पर चुटकी लेते हुए हेमंत ने कहा कि क्या वास्तविकता है, यह तो वे नहीं कह सकते, लेकिन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के पुत्र जय शाह की संपत्ति को लेकर मीडिया में आ रही खबर से ऐसा लगता है कि नोटबंदी के बाद के पहले बेनीफिशरी (लाभुक) शायद वे ही हैं. हेमंत ने कहा कि भाजपा की सरकार सैर सपाटे व रंगमंच सजाने वाली सरकार है. ढाई-तीन सालों में इनकी सरकार ने तो केवल मंच सजाये हैं. साल के 365 दिन में तो 200 दिन मंच ही सजता रहा है. रंगारंग कार्यक्रम होता रहा है. काम कहां हुआ है.
स्वच्छता और गंगा सफाई के नाम पर हुआ बड़ा घोटाला
श्री सोरेन ने कहा कि राज्य में गरीबों को अनाज नहीं मिल पा रहा है. मंत्री खुद खुलकर बोल रहे हैं. बोकारो के चंदनकियारी में पूरा गांव को डिजिटल घोषित कर दिया, लेकिन सच्चाई कुछ और दिखी. यह सरकार अपने कार्यकाल में तो शायद ही कभी गांव-शहर को जमीनी स्तर पर डिजिटल कर पायेगी. इसलिए हर काम को केंद्र व राज्य की सरकार ने 2019 के बाद के डेट में पूरा करने की बात कहना शुरु कर दिया है. श्री सोरेन ने कहा कि कर्ज से किसान, जीएसटी से व्यापारी तथा नोटबंदी से आम आदमी मर रहा है.
2019 के लिए गठबंधन के प्लेटफार्म की तलाश जारी
झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि 2019 के लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव के लिए गंठबंधन के प्लेटफार्म की तलाश जारी है. वे खुद भी गठबंधन के पक्ष में है.
रमेश सिंह मुंडा जैसी अन्य घटनाओं की भी हो जांच
श्री सोरेन ने कहा कि रमेश सिंह मुंडा की हत्याकांड की जांच चल रही है. इस हत्याकांड की स्पष्ट जांच होनी चाहिए तथा दोषी पर कार्रवाई होनी चाहिए. इस तरह के दूसरे वारदातों-अन्य कांडों में भी कार्रवाई होनी चाहिए. बहुत सी ऐसी घटनायें हुई है. पर, आज तक कोई अंजाम तक सरकार नहीं पहुंच सकी है. कछ की लीपापोती करने के लिए उच्चस्तरीय जांच के नाम पर वापस मंगवाकर उन्हीं दागी पदाधिकारियों को सौंपा गया, जिनकी इसमें भूमिका रही है. पत्रकार वार्ता के दौरान झामुमो के जिला अध्यक्ष सुभाष कुमार सिंह, जिला परिषद् के उपाध्यक्ष असीम मंडल तथा नगर इकाई के अध्यक्ष रवि यादव मौजूद थे.
क्यों ना हो गांवों का शहर के अनुरूप विकास
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