चंदा इकट्ठा करने से लेकर पंडाल बनवाने व मूर्ति लाने का काम महिलाएं ही करती हैं. 32 वर्ष पहले इलाके की कुछ महिलाओं ने पुटकी श्रीनगर महिला दुर्गापूजा कमेटी बनाकर पूजा शुरू की थी. इसके बाद प्रतिमा विसर्जन भी महिलाएं ही करती हैं.
एक लाख अस्सी हजार का है बजट
समिति की सचिव गीता पांडे ने बताया कि पूजा में कुल एक लाख अस्सी हजार का खर्च है, लेकिन हमारे पास मात्र एक लाख दस हजार चंदा से आया है. अब लोग चंदा देना नहीं चाहते हैं. इसके बाद भी समिति की सदस्य उत्साह से पूजा का सारा कार्यभार संभालती हैं.ऐसे हुई शुरुआत
1993 में पुटकी श्रीनगर कॉलोनी की सीमा, मंजू चक्रवर्ती, मीना सिंह, मनोरमा सिंह, सरस्वती घोष ने भारती बनर्जी के नेतृत्व में दुर्गापूजा महोत्सव शुरू की थी. महिलाओं का जज्बा देख पुटकी के उद्योगपति बजरंग लाल खंडेलवाल, तत्कालीन मुखिया धीरेंद्रनाथ सिंह चौधरी ने मूर्ति, पंडाल निर्माण व अन्य काम में सहयोग की जिम्मेदारी ली थी. बस इनके हौसलाों को पंख मिल गये. एसएन पांडेय, मोनू गिरि, सजल विश्वास, अमित कुमार सिंह, सुमीत कुमार, प्रमोद कुमार आदि का सहयोग समिति को मिलता है. समिति की अध्यक्ष छवि चक्रवर्ती, उपाध्यक्ष अनीता पाल, महामंत्री तुलतुल घोष, सचिव गीता पांडे, कोषाध्यक्ष, करबी चक्रवर्ती, कार्यकारिणी सदस्य अनुराधा भंडारी, वंदना चटर्जी, माला साहा मीना देवी, मंजूला देवी आदि हैं.
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