Dhanbad News: आइआइटी में थर्मोफ्लूइड इंजीनियरिंग पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू
Dhanbad News: आइआइटी-आइएसएम के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय प्रथम अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ऑन थर्मोफ्लूइड इंजीनियरिंग संस्थान के गोल्डन जुबली लेक्चर थियेटर में शुक्रवार से शुरू हो गया. यह आयोजन संस्थान के शताब्दी वर्ष समारोह का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. मुख्य अतिथि प्रो पीएस ली, प्रमुख एवं विभागाध्यक्ष, यांत्रिक अभियंत्रण विभाग, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (एनयूएस) ने उद्घाटन भाषण में सस्टेनेबल कूलिंग, ऊर्जा दक्षता और वेस्ट हीट रिकवरी के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि उष्णकटिबंधीय जलवायु में कार्यरत डेटा सेंटर्स जैसी प्रणालियों में ताप प्रबंधन एक बड़ी चुनौती है. उनकी टीम ओह्मिक हीटर तकनीक के माध्यम से सटीक तापीय नियंत्रण और मापन पर कार्य कर रही है.प्रतिभा को सही दिशा देने की जरूरत
विशिष्ट अतिथि प्रो सरित कुमार दास, आइआइटी मद्रास के इंस्टीट्यूट प्रोफेसर ने कहा कि भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, बल्कि उसे सही दिशा और अवसर देने की जरूरत है. ऐसे सम्मेलन शैक्षणिक वातावरण को सशक्त बनाते हैं और शोध कार्यों को नई दिशा देते हैं. आइआइटी आइएसएम धनबाद के निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा ने कहा कि ज्ञान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी का समन्वय ही देश की आर्थिक प्रगति की कुंजी है. सम्मेलन आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो. सुमनथ चट्टोपाध्याय ने अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि आइआइटी आइएसएम नालंदा और विक्रमशिला जैसी ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ा रहा है.इनकी रही भागीदारी
स्वागत भाषण प्रो पवन कुमार सिंह व धन्यवाद ज्ञापन प्रो. दीपक कुमार ने किया. सम्मेलन में देश-विदेश के विशेषज्ञ जैसे प्रो बीबी. साहा (क्यूशू यूनिवर्सिटी, जापान), प्रो एम रामगोपाल (आइआइटी खड़गपुर), प्रो ए अग्रवाल (आइआइटी बॉम्बे) और प्रो एस अंसुमाली (जेएनसीएएसआर, बेंगलुरु) शामिल थे. यह सम्मेलन थर्मोफ्लूइड इंजीनियरिंग में नवीन शोध और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

