Dhanbad news: लोयाबाद थाना क्षेत्र में 11 वर्षीय पितृहीन बच्चे को लेकर मंगलवार को सीडब्ल्यूसी (चाइल्ड वेलफेयर कमेटी) और लोयाबाद पुलिस को करीब पांच घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी. बच्चे के पिता का निधन कोरोना काल में हो गया था. बच्चा और उसकी बड़ी बहन डीएवी अलकुशा के छात्र हैं. बच्चे की मां आंगनबाड़ी में कार्यरत है. बच्चा अपनी मां के साथ रहने को तैयार नहीं था और चाचा के साथ जाने की जिद पर अड़ा था, जबकि उसकी मां और बड़ी बहन चाहती थीं कि वह उनके साथ रहे. बच्चे के चाचा औरंगाबाद में रहते हैं और शादी समारोह में शामिल होने धनबाद आये थे. इससे पहले, बच्चा कुछ दिन अपनी बुआ के पास श्रीनगर, पुटकी में भी रह चुका था. मामले की गंभीरता को देखते हुए सीडब्ल्यूसी ने पहले बच्चे को बोकारो में आश्रय देने का निर्णय लिया था. बाद में, सभी की सहमति से उसे कतरास स्थित रिश्तेदार के पास अस्थायी रूप से रखने का फैसला किया गया.
फिलहाल अस्थायी शेल्टर, सीडब्ल्यूसी ने मां को आवेदन देने का दिया निर्देश :
सीडब्लूसी चेयरपर्सन उत्तम मुखर्जी ने बताया कि सभी की सहमति से बच्चे को कतरास में उसके रिश्तेदार के पास रखा गया है. संबंधित परिवार को आवश्यक जांच के बाद फिट डिक्लेयर किया गया है. पुलिस और चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट को निर्देश दिया गया है कि वे बच्चे की स्थिति पर निगरानी बनाए रखें और परिवार से संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत करें.सीडब्लूसी ने बच्चे की पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए उसे हॉस्टल में रखने का निर्देश दिया है. मां को आवेदन करने के लिए कहा गया है, ताकि दोनों बच्चों के लिए प्रतिमाह चार-चार हजार रुपये की प्रायोजन (स्पॉन्सरशिप) का लाभ दिलाया जा सके. चूंकि अभी बच्चे की परीक्षा 24 फरवरी से प्रस्तावित है, इसलिए यह व्यवस्था अस्थायी रूप से की गयी है. परीक्षा के बाद बच्चे को पुनः सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा गया है. इस दौरान सीडब्ल्यूसी सदस्य डॉ मीरा सिन्हा, ममता अरोड़ा, संध्या सिंह, लोयाबाद थाना प्रभारी राहुल सिंह, चाइल्डलाइन की पूनम कुमारी, लखी जी समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
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