धनबाद जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद के चयन को लेकर रायशुमारी पूरी हो चुकी है. अब सबकी नजरें 14 व 17 सितंबर पर टिकी हैं, जब अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआइसीसी) द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट पार्टी आलाकमान को सौंपेंगे. सूचना के मुताबिक प्रदेश पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष को 14 सितंबर व एआइसीसी द्वारा नियुक्त मुख्य पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट 17 सितंबर से पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंपेगे. इसी रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस आलाकमान जल्द ही नये जिलाध्यक्ष के नाम पर अंतिम मुहर लगायेगा. यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी संगठनात्मक मजबूती, राजनीतिक संतुलन और जमीनी पकड़ में से किस पहलू को ज्यादा प्राथमिकता देती है. कांग्रेस के अंदरूनी हलकों में यह भी चर्चा है कि पार्टी अब जातीय और सामाजिक समीकरण के साथ-साथ संगठन पर पकड़ रखने वाले चेहरे को प्राथमिकता दे सकती है. चुनावी दृष्टिकोण से देखा जाये तो 2024 के लोकसभा और 2025 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जिलाध्यक्ष की भूमिका निर्णायक हो सकती है.
मजबूत नामों की चर्चा तेज :
धनबाद जिलाध्यक्ष पद के लिए कुल 27 नेताओं ने अपनी दावेदारी पेश की है. इनमें वर्तमान अध्यक्ष संतोष सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष राशिद रजा अंसारी, अशोक सिंह, रवींद्र वर्मा, अभिजीत राज, शमशेर आलम, मदन महतो, नवनीत नीरज, प्रो डीके सिंह, पंकज मिश्रा, बीके सिंह, राजेश्वर सिंह यादव, राजकुमार महतो व सुंदर यादव जैसे नाम प्रमुख है. इसके अलावा मंटू दास, बबलू दास, शहिदा कमर, अवैध पासवान, दुर्गा दास, पप्पू पांडेय, रविरंजन सिंह, कामता पासवान, सुरेश चंद्र झा, रवि चौबे, सुधांशु शेखर झा, शंकर प्रजापत्ति व बीएन प्रसाद आदि ने भी दावेदारी की है.सात दिन चली संगठन समीक्षा और रायशुमारी
एआइसीसी के मुख्य पर्यवेक्षक सह मुरैना विधायक दिनेश गुर्जर, झारखंड की कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, अशोक कुमार चौधरी व मोहम्मद तौशिफ ने दो से आठ सितंबर तक धनबाद में रहकर गहन समीक्षा की. इस दौरान जिला, नगर, प्रखंड कांग्रेस कमेटियों के साथ-साथ विभिन्न मंच-मोर्चा और पंचायत स्तर तक के पदाधिकारियों से बातचीत की.
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