इस दौरान उन्होंने केंद्र में मौजूद व्यवस्थाओं की बारीकी से समीक्षा की और पाई गई कमियों को दूर करने का निर्देश सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा को दिया. उपायुक्त ने कहा कि धनबाद का यह एमटीसी राज्य में एक आदर्श मॉडल के रूप में स्थापित होगा और आने वाले समय में इसकी व्यवस्था पूरे झारखंड के लिए मिसाल बनेगी.
बच्चों के अनुकूल माहौल प्रदान करने की तैयारी
निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने विशेष रूप से केंद्र में बच्चों के लिए बनाये गये अनुकूल माहौल की सराहना की. एमटीसी में बच्चों को लंबे समय तक उपचार के दौरान सहज महसूस कराने के लिए खेलने-कूदने की व्यवस्था की गयी है. खिलौने, लर्निंग मैट्स और एक्टिविटी कॉर्नर बनाए गए है. ताकि बच्चे मानसिक और भावनात्मक रूप से भी स्वस्थ हो सकें.मॉड्यूलर किचन से परोसा जायेगा पोषणयुक्त भोजन
एमटीसी में मॉड्यूलर किचन का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है. इस किचन में कुपोषित बच्चों के लिए अलग-अलग आयु वर्ग के अनुसार पोषणयुक्त भोजन तैयार किया जायेगा. उपायुक्त ने भोजन की गुणवत्ता, स्वच्छता और निर्धारित भोजन मानकों का पालन करने का निर्देश दिया.हर दिन होगा ग्रोथ रेट का आकलन
एमटीसी में भर्ती बच्चों के ग्रोथ रेट की मॉनिटरिंग पर विशेष जोर दिया जा रहा है. हर दिन बच्चों का वजन, ऊंचाई, बांह की मोटाई, छाती का माप और शरीर के अन्य हिस्सों में आने वाले बदलाव का आंकलन किया जायेगा. इन आंकड़ों को डिजिटल रूप से भी रिकॉर्ड किया जायेगा.राज्य का मॉडल एमटीसी बनने की उम्मीद
उपायुक्त आदित्य रंजन ने कहा कि धनबाद का यह मॉडल एमटीसी पूरे राज्य में मिसाल बनेगा. यहां सिर्फ उपचार ही नहीं बल्कि बच्चों की संपूर्ण देखभाल, मानसिक विकास, पोषण सुरक्षा और सामाजिक पुनर्वास पर भी फोकस किया गया है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि केंद्र को समय पर पूरी तरह कार्यात्मक बनाया जाए और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

