जिले में हॉकी के अनुकूल कोई ग्राउंड नहीं है
मैदान में नहीं हुआ अभ्यास, टीम चयन कर स्टेट भेज दिया गया, हार कर लौटी
संवाददाता, धनबाद.
जिले में हाॅकी खेल के लिए पर्याप्त संसाधन व सुविधाएं नहीं हैं. ऐसे में बच्चों में हॉकी के प्रति रूचि होने के बावजूद उचित मार्ग दर्शन व ग्राउंड के अभाव में इसके खिलाड़ी तैयार नहीं हो पा रहे हैं. जिले में बहाल शारीरिक शिक्षक भी बच्चों को हॉकी के लिए तैयार नहीं कर पा रहे है. यहीं कारण है कि गत 18 अगस्त को रांची में आयोजित राज्य स्तरीय जवाहरलाल नेहरू हॉकी प्रतियोगिता 2025-26 में जैसे-तैसे तैयार कर भेजी गयी धनबाद की टीम पहले ही मैच में हारकर लौट आयी. जिला की अंडर-15, अंडर-17 बालक व बालिका की टीम एक प्वाइंट तक नहीं ले पायी.दो माह से पड़ी है किट, पर नहीं करायी जा रही प्रैक्टिस
जिले के आदर्श विद्यालयों के साथ तीनों उत्कृष्ट विद्यालय को दो माह पहले ही हॉकी के दो-दो सेट किट उपलब्ध कराये गये थे. इन स्कूलों में शारीरिक शिक्षक भी हैं. लेकिन यहां बच्चों को अभ्यास नहीं कराया जाता है. स्टेट से किट आने के बाद इसे स्कूलों में रख दिया गया. जवाहरलाल नेहरू हॉकी प्रतियोगिता की जानकारी मिली तो कुछ स्कूलों में बच्चों को मैदान में उतरने लायक थोड़ी-बहुत जानकारी दी गयी.हॉकी स्टीक पकड़ना तक नहीं जानते बच्चे
गत 12 अगस्त को मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय प्लस टू जिला स्कूल धनबाद के मैदान में जिला स्तर पर हॉकी प्रतियोगिता आयोजित की गयी थी. इसमें सात स्कूलों की टीमों ने हिस्सा लिया था. लेकिन अभ्यास नहीं कराये जाने से खिलाड़ी ठीक से हॉकी स्टीक पकड़ना तक नहीं जानते थे. इस प्रतियोगिता में अंडर-17 बालक वर्ग में टीएपी प्लस टू उवि तोपचांची तथा बालिका वर्ग में केजीएवी मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय निरसा की टीम विजेता रही थी.क्या-क्या है किट में
स्टेट से जिले के स्कूलों को मिले हॉकी किट में हॉकी स्टीक्स के साथ गोल कीपर का पूरा गार्ड सेट व दो गोल पोस्ट शामिल हैं. हालांकि उन स्कूलों के ग्राउंड हॉकी के लायक नहीं हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

