Dhanbad News : कोलकाता एनआइए टीम द्वारा बुधवार को चिरकुंडा व कालूबथान क्षेत्र में की गयी छापेमारी में हिरासत में लिये गये अमरजीत रवानी के भाई संजय रवानी को टीम ने घंटों पूछताछ के बाद छोड़ दिया है. वहीं आरोपी अमरजीत रवानी की तलाश जारी है. सूत्रों का कहना है टीम भले ही चली गयी है, लेकिन उसके मोबाइल लोकेशन पर अभी भी काम जारी है. एनआइए की टीम कांड संख्या आरसी 16/2024/एनआइए/डीएलआइ मामले को लेकर छापेमारी के लिए चिरकुंडा व कालूबथान आयी थी, जहां अमरजीत तो नहीं मिला. लेकिन उसके काले कारनामों का खुलासा हो गया और भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री की बरामदगी की गयी. मामला अगस्त महीने में पुरुलिया में एक विस्फ़ोट की घटना से जुड़ा माना जा रहा है. जिस प्रकार विस्फोटक पैकेट में पश्चिम बंगाल का स्टिकर मिला है, उससे उसका लिंक भी इस मामले से जुड़ा माना जा रहा है. संभावना व्यक्त की जा रही है कि अमरजीत ने ही विस्फोटक उपलब्ध कराया था. इसी कारण उस मामले में अमरजीत का नाम सामने आया और एनआइए द्वारा दर्ज मामले में उसे आरोपी बनाया गया. एनआइए इंस्पेक्टर एनके चौधरी टीम को लीड कर रहे थे और टीम में उनके साथ इंस्पेक्टर अमित कुल्हड़ी, सब-इंस्पेक्टर दीपक कुमार, खोखन विश्वास सहित लगभग आधा दर्जन से अधिक लोग शामिल थे. रात को बाहर से लड़कियां लाता था अमरजीत, ग्रामीणों ने किया था विरोध इधर, बोड़िया गांव के लोग घटना का खुलासा होने के बाद हतप्रभ हैं. उन्हें यह मालूम नहीं था कि इतना बड़ा अवैध कारोबार यहां संचालित हो रहा था. लोगों का कहना था कि अमरजीत का संबंध गांव के लोगों के साथ नहीं के बराबर रहता था. कुछ ग्रामीणों ने बताया कि लगभग एक-डेढ़ वर्ष पूर्व अमरजीत व उसके साथी यहां बाहर से रात को लड़कियां लाता था. उसका ग्रामीणों ने विरोध किया था, उसके बाद से लड़कियों को लाना अमरजीत ने बंद कर दिया था.
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