Dhanbad News : शास्त्री नगर, जमुआटांड़ में आयोजित सप्ताहव्यापी संगीतमय श्रीमद्भागवत पुराण कथा के सातवें दिन शनिवार को भक्ति और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिला. सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ कथा स्थल पर उमड़ पड़ी. भजन-कीर्तन और श्रीकृष्ण भक्ति के मधुर स्वरों से पूरा पंडाल भक्तिमय वातावरण में डूब गया. कथावाचक रामानुजाचार्य स्वामी श्रीविष्णु विक्रमाचार्य जी महाराज ने सुदामा चरित्र का अत्यंत मार्मिक और हृदयस्पर्शी वर्णन किया. उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता त्याग, प्रेम और निष्काम भक्ति का अनुपम उदाहरण है. जब सुदामा निर्धन अवस्था में द्वारका पहुंचे, तो भगवान ने उन्हें गले लगाकर यह संदेश दिया कि सच्चे संबंध धन या पद से नहीं, बल्कि प्रेम और भक्ति से बनते हैं. कथा श्रवण के दौरान श्रद्धालु भावविभोर हो उठे और पंडाल राधे-कृष्ण के जयकारों से गूंज उठा. इस अवसर पर स्वामी जी से आधा दर्जन से अधिक भक्तों ने गुरु दीक्षा ग्रहण की. मौके पर बाघमारा सीओ गिरिजानंद किस्कू को कमेटी ने सम्मानित किया. मौके पर मंदीप शास्त्री, प्रीति पांडेय, डॉ मुकेश कुमार राय, नीरजा राय, वीरेंद्र चौहान, धीरेन पांडेय, दिलीप पाठक, संजय साधु आदि थे.
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