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झारखंड: जिस मां ने बेटे को बुढ़ापे का लाठी समझ अपनी नौकरी दी, वही निकला खलनायक

Jharkhand News: धनबाद की एक मां ने अपने बुढ़ापे का सहारा के लिए जिस बेटे श्रवण नोनिया को नौकरी दी थी, उसी ने उसे घर से निकाल दिया. महिला की मौत सोमवार की देर रात हो गयी थी..

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धनबाद : त्रेता युग के श्रवण कुमार की मातृ भक्ति की सीख आज भी बच्चों को स्कूलों में पढ़ाया और सीखाया जाता है. लेकिन झारखंड में कलयुग का एक ऐसा भी श्रवण भी रहता है जिसने अपनी मां को बेघर कर दिया. वह लंबे समय तक एक पेड़ के नीच रात गुजारती थी. सोमवार की देर उन्होंने दम तोड़ दिया. खास बात यह कि वह अपनी नौकरी अपने बेटे श्रवण नोनिया दे दिया था.

पुलिस ने तारा देवी का शव को पोस्टमार्टम कराके बेटे को दिया

जानकारी मुताबिक धनबाद के तेतलमुरी सुभाष चौक के पास बीते एक साल एक पेड़ के चबूतरे पर बेसहारा की तरह रहने वाली तारा देवी का निधन हो गया. वह 65 साल की थी. तेतुलमारी थाना क्षेत्र के भूली मार्ग के किनारे उसका शव बरामद किया गया. जिसे पुलिस ने जब्त कर यूडी केस दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम कराके बेटे को सौंप दिया. रात में तारा देवी का दाह संस्कार कर दिया गया.

मां तारा देवी ने खुद दी थी बेटे को अपनी नौकरी

ग्रामीणों की मानें तो उसकी मां ने बीएसएल से वीआरएस लेकर खुद की अपनी नौकरी दी थी. उनके पति स्व मोहन बेलदार की मौत बहुत पहले हो चुकी थी. पति की मौत के बाद उन्हें बीसीएल में नौकरी मिली. लेकिन रिटायर होने से पहले ही वह बीआरएस लेकर वह अपनी नौकरी अपने बड़े बेटे श्रवण नोनिया को दी. यह सोचकर कि उनका बेटा उनके बुढ़ापे का सहारा बनेगा. लेकिन कुछ समय बाद बूढ़ी मां को उसने ठोकर मारकर घर से निकाल दिया.

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दो पुत्र हैं मृतका तारा देवी के

मृतका तारा देवी के दो पुत्र हैं. बड़े पुत्र का श्रवण नोनिया है. जबकि छोटे पुत्र योगेश चौहान हैं, जो मंदबुद्धि का है. श्रवण ईस्ट बसुरिया सेक्टर तीन में रहता है, जबकि वह बीसीसीएल मोदीडीह कोलियरी में कार्यरत है. योगेश श्रवण के साथ रहता है. परिवार मूलत: गया का रहने वाला है.

तारा देवी ने होटल के पास पेड़ को ही बनाया था आशियाना

बताया जाता है कि पारिवारिक विवाद के‚ कारण लगभग एक साल से तारा देवी तेतुलमारी सुभाष चौक के पास एक होटल के चबूतरे पर रह रही थी. उसके पास मोबाइल और पैसे थे. वह कुछ पेंशन पाती थी, जिसका पैसा भी वह खुद रखती थी. सुभाष चौक के पास एक अन्य महिला उसे कभी कभी भोजन आदि दे देती थी. कुछ कपड़े भी साथ लायी थी. रोज वह उसी जगह नजर आती थी, लोगोंŽ को यह पता नहीं था कि वह खुद पूर्व कोलकर्मी है और उसका बेटा भी बीसीसीएल में नौकरी करता है. लोग जानते थे कि कोई बेसहारा महिला बाहर की है, यहां आकर वह रह रही है. बीच बीच में उन्हें कोई न कोई कुछ दे देता था. इधर, उसका शव पाये जाने के बाद उसकी पहचान हो पायी.

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क्या कहती है पुलिस

तेतुलमारी थानेदार सत्येंद्र यादव ने कहा कि सूचना पाकर मामले की जांच पड़ताल की. मृतका ईस्ट बसुरिया निवासी बीसीसीएल कर्मी श्रवण नोनिया की मां थी. बेटे को कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने पहचान कर ली है, लेकिन किसी ने कोई शिकायत नहीं की है, इसिलए यूडी केस दर्ज कर पोस्टमार्टम कराया गया. शव को परिजनोंŽ को सौंप दिया गया.

क्या कहता है कोलकर्मी

अपनी मां की इस कथित घटना के संबंध में बेटा बीसीसीएल कर्मी श्रवण नोनिया से पूछने पर कोई सटीक जवाब नहीं दिया. केवल इतना कहा कि मेरी मां के पास एक मोबाइल फोन और कुछ रुपये थे. जो अभी नहीं मिल रहा है. पारिवारिक विवाद के कारण घर में नहीं रहने संबंधी सवाल पर श्रवण नोनिया ने कुछ नहीं कहा.

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