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IIT ISM Centenary Celebration: आईआईटी आईएसएम धनबाद के शताब्दी दिवस समारोह में अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने बड़ी घोषणा की. सोमवार को शताब्दी समारोह कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बदलते वैश्विक समीकरणों के बीच भारत को अपनी विकास यात्रा स्वयं तय करनी होगी. अपनी तकदीर संवारने के लिए उसे अपनी धरती की ताकत को पहचानना होगा. उन्होंने कहा कि आज जब अंतरराष्ट्रीय गठबंधन टूट रहे हैं और देश अपने स्वार्थ के आधार पर निर्णय ले रहे हैं, तब भारत की संप्रभुता दो स्तंभों पर निर्भर करेगी- भूमि के नीचे मौजूद संसाधनों को निकालने में महारत और विकास को ऊर्जा प्रदान करने वाली प्रणालियों पर नियंत्रण.

भारत पर थोपे जा रहे विचार ‘नैरेटिव कॉलोनाइजेशन’
गौतम अदाणी ने वैश्विक स्तर पर भारत पर थोपे जा रहे विचारों को ‘नैरेटिव कॉलोनाइजेशन’ करार देते हुए कहा कि जिन देशों ने ऐतिहासिक रूप से सबसे अधिक कार्बन उत्सर्जन किया, वही आज विकासशील देशों को विकास का पाठ पढ़ा रहे हैं. भारत दुनिया के सबसे कम प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन वाले देशों में है, फिर भी उसके सतत विकास के प्रदर्शन को वैश्विक मंचों पर गलत तरीके से प्रस्तुत किया जाता है. अदाणी समूह के चेयरमैन ने चेताया कि यदि भारत ने अपना नैरेटिव स्वयं नियंत्रित नहीं किया, तो उसकी आकांक्षाओं को कमजोर किया जाएगा और विकास के अधिकार को अपराध की तरह दर्शाया जाएगा.
- पुरानी अर्थव्यवस्था कही जाने वाली माइनिंग के बिना नयी अर्थव्यवस्था का निर्माण और उसकी मजबूती असंभव
- अपनी तकदीर संवारने के लिए भारत को अपनी धरती की ताकत को समझना होगा : गौतम अदाणी
- अदाणी ने वैश्विक दबावों को बताया ‘नैरेटिव कॉलोनाइजेशन’, कहा- संसाधन और ऊर्जा स्वाधीनता पर टिकेगी भारत की संप्रभुता
- आईआईटी आईएसएम के छात्रों के लिए 50 पेड इंटर्नशिप और 3एस माइनिंग एक्सीलेंस सेंटर की स्थापना की घोषणा की

IIT ISM Centenary Celebration: आईआईटी आईएसएम की स्थापना दूरदर्शिता का परिणाम
अदाणी ग्रुप के चेयरमैन ने कहा कि आईआईटी आईएसएम की स्थापना भी भारत की दूरदर्शिता का परिणाम थी. 100 साल पहले ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने देश की खनन एवं भूविज्ञान क्षमताओं को विकसित करने के लिए इस संस्थान की सिफारिश की थी. यह इस समझ को दर्शाता है कि कोई भी राष्ट्र अपनी मिट्टी की शक्ति के बारे में ज्ञान अर्जित करके उस मामले में महारत हासिल किये बिना आगे नहीं बढ़ सकता.

गुजरात में बन रहा 30 गीगावाट का अक्षय ऊर्जा पार्क भारत की हरित ऊर्जा प्रतिबद्धता का प्रमुख उदाहरण
ऊर्जा सुरक्षा की बात करते हुए उन्होंने समूह के ऑस्ट्रेलिया स्थित कार्माइकल प्रोजेक्ट का उल्लेख किया, जिसे भारी राजनीतिक और पर्यावरण विवादों के बावजूद संचालित किया गया. उन्होंने गुजरात के खवड़ा में विकसित हो रहे 30 गीगावाट के अक्षय ऊर्जा पार्क को भारत की हरित ऊर्जा प्रतिबद्धता का प्रमुख उदाहरण बताया.
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आईआईटी आईएसएम के छात्रों के लिए उपहार की घोषणा
कार्यक्रम में गौतम अदाणी ने आईआईटी आईएसएम धनबाद के छात्रों के लिए 2 बड़े उपहार की घोषणा की. पहला, थर्ड ईयर के छात्रों के लिए हर साल 50 पेड इंटर्नशिप की योजना, जिसमें बेहतर प्रदर्शन करने वाले 25 प्रतिशत छात्रों को प्री-प्लेसमेंट का अवसर मिलेगा. दूसरा, टेक्समिन के सहयोग से अत्याधुनिक मेटावर्स लैब, ड्रोन फ्लीट और प्रिसिजन माइनिंग टेक्नोलॉजी से लैस अदाणी 3एस माइनिंग एक्सलेंस सेंटर की स्थापना. यह सेंटर संस्थान के आईटूएच (I2H) बिल्डिंग में स्थापित किया गया है, जिसका उद्घाटन गौतम अदाणी ने किया.

वर्तमान समय भारत का द्वितीय स्वतंत्रता संग्राम – अदाणी
गौतम अदाणी ने वर्तमान समय को भारत का ‘द्वितीय स्वतंत्रता संग्राम’ बताया, जो आर्थिक और संसाधन स्वायत्तता के लिए लड़ा जा रहा है. उन्होंने छात्रों का आह्वान किया कि वे ‘निडर होकर सपने देखें, निरंतर प्रयास करें’ और भारत को आत्मनिर्भर बनाने में अग्रणी भूमिका निभाएं, क्योंकि ‘पुरानी अर्थव्यवस्था कही जाने वाली माइनिंग के बिना नयी अर्थव्यवस्था का निर्माण और उसकी मजबूती असंभव है.’

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