बीसीसीएल के सीएमडी मनोज कुमार अग्रवाल ने मंगलवार को कहा कि केंदुआडीह गैस रिसाव मामले में वैज्ञानिक निगरानी, चिकित्सा व्यवस्था, राहत संचालन और पुनर्वास गतिविधियां हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. राजपूत बस्ती व आसपास के प्रभावित क्षेत्रों में कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैस का रिसाव जारी है. यह स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल रही है. कंपनी सुरक्षा के लिए लोगों को लगातार जागरूक कर रही है. समस्या के स्थायी व दीर्घकालीन निदान के लिए साइंटिफिक एजेंसी आइआइटी आइएसएम, सिंफर व सीएमपीडीआइ आदि को लगाया गया है. एजेंसी के मुताबिक, लोगों को सुरक्षित स्थान पर चले जाना ही स्थायी समाधान है. श्री अग्रवाल बीसीसीएल मुख्यालय कोयला भवन में मीडिया से बातचीत कर रहे थे.
बीसीसीएल और एनडीआरएफ की संयुक्त टीमें कर रहीं सर्वेक्षण
सीएमडी श्री अग्रवाल ने बताया कि बीसीसीएल और एनडीआरएफ की संयुक्त टीमें लगातार सर्वेक्षण कर रही हैं. फॉगिंग और वाटर स्प्रे के माध्यम से गैस नियंत्रित करने का कार्य जारी है. कहा कि जब तक प्रभावित इलाके पूरी तरह सुरक्षित न हो जाते हैं, सभी परिवार सम्मानजनक जीवन के साथ अपने नये घरों में ना बस जायें, तब तक अभियान जारी रहेगा. बताया कि तीन दिसंबर को कार्बन मोनोऑक्साइड गैस उत्सर्जन के बाद बीसीसीएल पूर्ण सतर्कता और वैज्ञानिक निगरानी के साथ राहत कार्य चला रहा है. लंबे समय से सक्रिय भू-तापीय आग और धंसान वाले क्षेत्र में अचानक हुए उत्सर्जन के बाद कंपनी ने बिना देर किये बचाव, राहत और तकनीकी उपायों की शुरुआत कर दी थी. एमआरएस टीमों ने कई घरों में गैस का स्तर निर्धारित सीमा से अधिक पाया, जिसके बाद परिवारों की सुरक्षित निकासी की गयी.
कोल इंडिया चेयरमैन प्रभावित क्षेत्रों का आज करेंगे दौरा
गैस रिसाव मामले को कोयला मंत्रालय ने गंभीरता से लिया है. मंगलवार को कोल सचिव विक्रम देव दत्त ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बीसीसीएल और सिंफर के आला अधिकारियों से रिसाव की स्थिति की अद्यतन जानकारी ली. इस दौरान बीसीसीएल की ओर से चलाये जा रहे राहत और बचाव कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी. केंदुआडीह क्षेत्र की वर्तमान स्थिति पर सचिव ने अधिकारियों को कई जरूरी दिशा-निर्देश दिये. इस बीच, बुधवार को कोल इंडिया के चेयरमैन सनोज कुमार झा धनबाद आ रहे है. वह गैस प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर वहां की वस्तुस्थिति से अवगत होंगे, ताकि कोयला मंत्रालय को वर्तमान स्थिति से अवगत करा सकें.
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