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पिछले चुनाव में झरिया दो भाइयों के संघर्ष का गवाह बना था, अब दो गोतनी की लड़ाई, जानें झरिया विधानसभा क्षेत्र का लेखा-जोखा

उमेश सिंह कुल वोटर 294115 पुरुष वोटर 165550 महिला वोटर 128565 झरिया : कोयला नगरी झरिया विधानसभा सीट वर्ष 1967 में अस्तित्व में आया. यहां के प्रथम विधायक राजा शिवराज प्रसाद बने. मजदूर बहुल क्षेत्र होने के कारण झरिया विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी की जीत हार में काफी महत्वपूर्ण भूमिका मजदूरों की होती है. वर्ष […]

उमेश सिंह

कुल वोटर

294115

पुरुष वोटर

165550

महिला वोटर

128565

झरिया : कोयला नगरी झरिया विधानसभा सीट वर्ष 1967 में अस्तित्व में आया. यहां के प्रथम विधायक राजा शिवराज प्रसाद बने. मजदूर बहुल क्षेत्र होने के कारण झरिया विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी की जीत हार में काफी महत्वपूर्ण भूमिका मजदूरों की होती है. वर्ष 1977 में आपातकाल के बाद हुए चुनाव में जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में सूर्यदेव सिंह विजयी रहे थे. उन्होंने यहां जीत का चौका लगाया.

वर्ष 1991 में सूर्यदेव सिंह के निधन के बाद हुए उप चुनाव में झरिया विधानसभा क्षेत्र से राजद की आबो देवी ने सिंह मेंशन की तरफ से खड़े हुए बच्चा सिंह को हरा कर मेंशन के वर्चस्व को तोड़ा था. वर्ष 2000 में झरिया सीट से जीत हासिल कर बच्चा सिंह ने फिर से सिंह मेंशन के दबदबा को कायम किया. श्री सिंह झारखंड की पहली सरकार में नगर विकास मंत्री बने.

वर्तमान विधायक स्वर्गीय सूर्यदेव सिंह के पुत्र संजीव सिंह इस बार चुनाव मैदान में नहीं हैं. भाजपा की तरफ से उनकी पत्नी रागिनी सिंह चुनाव लड़ रही हैं. जबकि विरोध में कांग्रेस की तरफ से पूर्णिमा सिंह हैं, जो रिश्ते में भाजपा प्रत्याशी की जेठानी हैं. पिछले चुनाव में झरिया दो भाइयों के संघर्ष का गवाह बना था. इस बार दो गोतनी की लड़ाई का गवाह बनेगा. एक ही घर की दोनों बहू इस समय मैदान में हैं. इसलिए झरिया का मुकाबला काफी रोचक माना जा रहा है.

तीन महत्वपूर्ण कार्य जो हुए

1. दामोदर नदी पर पुल का निर्माण

2. सुदामडीह से भोजूडीह पर पुल

3. मोहलबनी में मुक्ति धाम का निर्माण

तीन महत्वपूर्ण कार्य जो नहीं हुए

1. राजा तालाब का सौंदर्यीकरण नहीं

2. आरएसपी कॉलेज झरिया में नहीं खुला

3. लोगों का पुनर्वास नहीं हुआ

365 दिन जनसेवा : रागिनी

झरिया विधायक संजीव सिंह की पत्नी व भाजपा प्रत्याशी रागिनी सिंह ने कहा है कि सिंह मेंशन के सदस्य 365 दिन जनसेवा में लगे रहते हैं. विधायक के जेल में रहने के बावजूद झरिया में एक नया डिग्री कॉलेज स्वीकृत कराया. जलापूर्ति के लिए योजना स्वीकृत करायी.

हत्या, रंगदारी उपलब्धि : पूर्णिमा

झरिया से कांग्रेस प्रत्याशी पूर्णिमा नीरज सिंह कहती हैं कि विरोधियों की हत्या व रंगदारी ही झरिया विधायक की उपलब्धि है. पिछले 15 वर्षों से मां-बेटा झरिया के विधायक रहे. आरएसपी कॉलेज झरिया से बाहर चला गया. हाइस्कूल बंद हो गया.

2005

जीते : कुंती देवी, भाजपा

प्राप्त मत : 65290

हारे : सुरेश सिंह, कांग्रेस

प्राप्त मत : 31312

तीसरा स्थान : योगेंद्र यादव, राजद

प्राप्त मत : 20092

2009

जीते : कुंती देवी, भाजपा

प्राप्त मत : 49131

हारे :सुरेश प्रसाद गुप्ता, माकपा

प्राप्त मत : 46115

तीसरा स्थान : आबो देवी, राजद

प्राप्त मत : 9207

2014

जीते : संजीव सिंह, भाजपा

प्राप्त मत : 74062

हारी : नीरज सिंह, कांग्रेस

प्राप्त मत : 40370

तीसरा स्थान : मो रुस्तम अंसारी, मासस

प्राप्त मत : 18273

Prabhat Khabar Digital Desk
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