धनबाद/कतरास :झारखंड हाइकोर्ट ने भाजपा महिला मोर्चा की एक नेत्री से बाघमारा विधायक ढुलू महतो द्वारा जबरन शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश मामले में दायर क्रिमिनल रिट याचिका पर बुधवार को सुनवाई की. जस्टिस अमिताभ कुमार गुप्ता की अदालत ने डीजीपी और धनबाद के एसएसपी से पूछा कि जब पीड़िता ने नाै माह पूर्व ही ऑनलाइन शिकायत की थी, तो आरोपी भाजपा विधायक के खिलाफ अब तक नियमित एफआइआर क्यों नहीं दर्ज की गयी? अदालत ने पीड़िता का पक्ष सुनने के बाद राज्य सरकार को शपथ पत्र के माध्यम से जवाब देने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी.
पीड़िता की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने अदालत को बताया कि पुलिस आरोपी विधायक ढुलू महतो के खिलाफ प्राथमिकी नहीं दर्ज कर रही है. ढुलू ने बार-बार जबरन शारीरिक संबंध बनाने (रेप का प्रयास) की कोशिश की थी. एसएसपी से शिकायत के बाद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी. इसके बाद डीजीपी, महिला आयोग व मानवाधिकार आयोग को लिखित शिकायत की गयी. अंतत: 28 नवंबर, 2018 को ऑनलाइन शिकायत की. बावजूद आरोपी विधायक के खिलाफ नियमित एफआइआर दर्ज नहीं की गयी. राजीव कुमार ने कोर्ट को बताया कि पुलिस आरोपी को बचाने का प्रयास कर रही है.
ढुलू महतो पर पहले से 28 केस दर्ज हैं. अधिवक्ता ने कहा कि जब झाविमो विधायक प्रदीप यादव पर लगे आरोप पर केस दर्ज हो सकता है, तो भाजपा नेत्री के मामले में क्यों नहीं? विधायक सत्तारूढ़ दल से हैं, इसलिए पुलिस उनके इशारे पर काम कर रही है. शायद इसीलिए पीड़िता की शिकायत पर तहकीकात नहीं की गयी और न ही केस दर्ज किया गया. याद रहे कि पीड़िता ने छह माह पहले हाई कोर्ट में क्रिमिनल रिट याचिका दायर की थी.