ओपीडी में 20 से 25 मरीज ही आते हैं रोज
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100 में एक बेड का भी नहीं हो रहा उपयोग
ओपीडी में 20 से 25 मरीज ही आते हैं रोज धनबाद : धनबाद सदर अस्पताल की क्षमता एक सौ बेड की है. लेकिन एक भी पारा मेडिकल स्टाफ नहीं रहने की वजह से यहां एक भी बेड का उपयोग नहीं हो रहा है. सारे बेड जहां-तहां फेंके हुए हैं. उद्घाटन के आठ माह बाद भी […]
धनबाद : धनबाद सदर अस्पताल की क्षमता एक सौ बेड की है. लेकिन एक भी पारा मेडिकल स्टाफ नहीं रहने की वजह से यहां एक भी बेड का उपयोग नहीं हो रहा है. सारे बेड जहां-तहां फेंके हुए हैं. उद्घाटन के आठ माह बाद भी यहां नाम मात्र के लिए ओपीडी सेवा ही नियमित रूप से चल पा रही है.
ढाई दशक बाद मिला सदर अस्पताल : धनबाद में नये सदर अस्पताल का निर्माण लगभग ढाई दशक बाद हुआ. पूर्व के सदर अस्पताल को पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज असप्ताल का हिस्सा बना देने के बाद यहां सदर अस्पताल का अस्तित्व समाप्त हो गया था. पीएमसीएच का नया भवन बन जाने व शिफ्ट हो जाने के बाद यहां नये सदर अस्पताल का निर्माण शुरू हुआ. नवंबर 2018 में इसका आनन-फानन में उद्घाटन हो गया. लेकिन आज तक अस्पताल को चलाने के लिए डॉक्टरों, कर्मियों की बहाली पूरी नहीं हो पायी है.
ओपीडी में समय पर नहीं आते डॉक्टर : सदर अस्पताल धनबाद में फिलहाल एक ही स्थायी डॉक्टर व एएनएम नियुक्त हैं. इसके अलावा संविदा पर बहाल चार डॉक्टर, दो काउंसलर भी यहां प्रतिनियुक्त हैं. यहां पूर्वाह्न 9 से अपराह्न तीन बजे तक ओपीडी चलता है. लेकिन गुरुवार को पूर्वाह्न 11.30 बजे तक अस्पताल में केवल प्रभारी डॉ बिजेंद्र कुमार एवं एक एएनएम ही पहुंचे थे.
बाकी प्रतिनियुक्त डॉक्टर नहीं आये थे. डॉ कुमार ने बताया कि यह रोज की हालत है. अधिकांश दिन उन्हें ही मरीजों को देखना पड़ता है. पारा मेडिकल स्टॉफ नहीं रहने के कारण इंडोर सेवा शुरू नहीं हो पा रही है. अस्पताल के लिए आया बेड जहां-तहां फेंका हुआ है. साफ-सफाई की भी व्यवस्था नहीं है. अस्पताल में पानी की भी सुविधा नहीं है. डॉक्टर, स्टाफ को पानी खरीद कर लाना पड़ता है.
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