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धनबाद : निरसा में 360 प्वाइंटों पर अवैध शराब की बिक्री

धनबाद : कोयला के अवैध कारोबार के साथ-साथ निरसा कोयलांचल शराब के अवैध धंधे का भी गढ़ बना हुआ है. निरसा में कोयला के अवैध खनन के दौरान होनेवाली मौत की घटनाओं की तरह कभी भी जहरीली शराब से मौत की घटना हो सकती है. खास बात यह कि जिस तरह से कोयला के अवैध […]

धनबाद : कोयला के अवैध कारोबार के साथ-साथ निरसा कोयलांचल शराब के अवैध धंधे का भी गढ़ बना हुआ है. निरसा में कोयला के अवैध खनन के दौरान होनेवाली मौत की घटनाओं की तरह कभी भी जहरीली शराब से मौत की घटना हो सकती है. खास बात यह कि जिस तरह से कोयला के अवैध कारोबार को स्थानीय पुलिस और कुछ राजनीतिक दलों के नेताओं का संरक्षण प्राप्त है, उसी तरह अवैध शराब का धंधा करनेवालों पर भी ‘खाकी’ व ‘खादी’ की विशेष कृपा है.

वर्तमान समय में निरसा क्षेत्र में 360 स्थानों पर शराब की अवैध बिक्री हो रही है. स्थानीय पुलिस को इन सभी स्थानों की पूरी जानकारी है. भलजोड़िया में जी सिंह, निरसा पुलिस स्टेशन से 600 मीटर की दूरी पर एस साव नामक व्यक्ति, पी मंडल, शासनबेड़िया में, डी-नोबिली स्कूल के समीप, मुगमा मोड़ पेट्रोल पंप के समीप डंके की चोट पर अवैध तरीके से शराब की बिक्री हो रही है. इन अवैध स्थानों पर जो शराब बिक रही है, उसमें काफी मात्रा में शराब नकली है.

उत्पाद विभाग मौन
जब झारखंड सरकार की ओर से शराब की बिक्री शुरू की गयी, तब उत्पाद अधिकारियों का कहना था कि ‘गुणवत्ता युक्त मदिरा उचित मूल्य पर उपलब्ध कराने के लिए सरकारी शराब की दुकान खोली गयी है. अधिकृत दुकानों के अलावा दूसरी जगहों पर बेची जानेवाली शराब जानलेवा हो सकती है.
ऐसे शराब के निर्माण में हानिकारक मिथाइल अल्कोहल का प्रयोग किया जाता है, जिससे व्यक्ति अंधा हो सकता है या उसकी जान जा सकती है. सरकारी अनुज्ञप्ति प्राप्त स्थलों के अलावा अन्य स्थलों पर शराब का सेवन गैर कानूनी है. शराब का अवैध रूप से निर्माण, बिक्री भी गैर कानूनी है.’ उत्पाद विभाग के अधिकारी अपनी इन बातों को आज भूल गये हैं.
शराब ऐसे बन जाती है जहरीली
कच्ची शराब अधिक नशीली बनाने के चक्कर में जहरीली हो जाती है. सामान्यत: इसे बनाने में गुड़, शीरा से लहन तैयार किया जाता है. लहन को मिट्टी में गाड़ दिया जाता है. इसमें यूरिया और बेसरमबेल की पत्ती डाले जाते हैं. अधिक नशीली बनाने के लिए इसमें ऑक्सिटोसिन मिला दिया जाता है, जो मौत का कारण बनती है. कुछ जगहों पर कच्ची शराब बनाने के लिए पांच किलो गुड़ में 100 ग्राम ईस्ट और यूरिया मिलाकर इसे मिट्टी में गाड़ दिया जाता है. यह लहन उठने पर इसे भट्ठी पर चढ़ा दिया जाता है.
गर्म होने के बाद जब भाप उठती है, तो उससे शराब उतारी जाती है. इसके अलावा सड़े संतरे, उसके छिलके और सड़े गले अंगूर से भी लहन तैयार किया जाता है. कच्ची शराब में यूरिया और ऑक्सिटोसिन जैसे केमिकल पदार्थ मिलाने की वजह से मिथाइल एल्कोल्हल बन जाता है. इसकी वजह से ही लोगों की मौत हो जाती है. मिथाइल शरीर में जाते ही केमि‍कल रि‍एक्‍शन तेज होता है. इससे शरीर के अंदरूनी अंग काम करना बंद कर देते हैं. इसकी वजह से कई बार तुरंत मौत हो जाती है. कुछ लोगों में यह प्रक्रिया धीरे-धीरे होती है.
बरवाअड्डा से अवैध शराब जब्त
बरवाअड्डा. बरवाअड्डा थाना प्रभारी ज्योतिष जायसवाल ने मंगलवार की देर रात जीटी रोड किनारे स्थित मिथिलेश होटल में छापा मार कर अवैध शराब जब्त किया. शराब व बीयर की कई बोतलों के अलावा पाउच भी जब्त किये गये हैं.

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