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धनबाद : मुगमा में चाल धंसी, चार लोग मरे, छह हुए घायल

मुगमा (धनबाद) : निरसा थाना अंतर्गत इसीएल मुगमा क्षेत्र की आउटसोर्सिंग के तहत चलायी जा रही कापासारा ओसीपी में बुधवार की सुबह चाल धंसने से कोयला चुन रहे चार लोगों की मौत हो गयी. वहीं, छह लोग गंभीर रूप से घायल हो गये. मलबे में दबे दिनेश पासवान (मुगमा निवासी, उम्र 43 वर्ष) और एक […]

मुगमा (धनबाद) : निरसा थाना अंतर्गत इसीएल मुगमा क्षेत्र की आउटसोर्सिंग के तहत चलायी जा रही कापासारा ओसीपी में बुधवार की सुबह चाल धंसने से कोयला चुन रहे चार लोगों की मौत हो गयी. वहीं, छह लोग गंभीर रूप से घायल हो गये.
मलबे में दबे दिनेश पासवान (मुगमा निवासी, उम्र 43 वर्ष) और एक अन्य ग्रामीण का शव निकाल कर परिजन ले भागे. जबकि एक शव को पुलिस ने जब्त कर लिया. पुलिस द्वारा जब्त शव छोटा आमबोना निवासी का बताया जा रहा है. वहीं, मुगमा के ही कांतो रवानी (42) का शव मलबे में दबे होने की बात बतायी जा रही है.
पुलिस ने तीन लोगों के मरने की पुष्टि की है. हालांकि प्रबंधन का कहना है कि अब कोई शव मलबे में दबा नहीं है. घटना से एक घंटे पूर्व ही निरसा थाना प्रभारी सुषमा कुमारी ने कोयला काट रहे लोगों को खदेड़ा था. लेकिन पुलिस के चले जाने के बाद फिर से लोग कोयला काटने लगे.
डीसी ने जीएम व आउटसोर्सिंग प्रबंधन पर प्राथमिकी दर्ज करने का दिया आदेश-
घटना के पांच घंटे बाद डीसी व अन्य पदाधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे. उत्पादन स्थल के समीप हुई घटना पर उपायुक्त ए दोड्डे ने जीएम सदानंद सुमन को कड़ी फटकर लगायी. कहा कि घटना का जिम्मेवार जीएम व आउटसोर्सिंग प्रबंधन है. उन्होंने एसडीओ व एसएसपी को दोनों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया. वहां पदाधिकारियों ने जांच में पाया कि सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं की गयी थी.
कैसे घटी घटना
हर दिन की तरह बुधवार की सुबह चार बजे मुगमा के इंदिरा नगर, हीड़बांध जामबोनी, छोटा आमबोना, निरसा, सियालकनाली, पाथरचाली, गाड़ीखाना सहित अन्य क्षेत्रों से करीब 200 से अधिक लोग कापासारा ओसीपी अवैध उत्खनन करने पहुंचे थे. उक्त लोग आउटसोर्सिंग के समीप मुहाना बनाकर कोयला काट रहे थे. इसी दौरान चाल धंसी और मलबा गिरा. जहां मलबा गिरा वहां करीब एक दर्जन लोग कोयला काट रहे थे. कई लोग दूसरे मुहाने से निकल भागे.
सुरक्षा को लेकर नहीं है पुख्ता इंतजाम
इसीएल मुगमा एरिया में सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है. जहां भी आउटसोर्सिंग कंपनी संचालित है, वहां अवैध कोयले की लूट मची है.
प्रबंधन के पास न तो कोई सुरक्षा गार्ड है और न ही आउटसोर्सिंग का सुरक्षा गार्ड. पेट की आग बुझाने के लिए प्रतिदिन लोग मौत के मुंह में जाकर कोयला काटते हैं. अवैध कोयला को साइकिल व स्कूटर के माध्यम से नदी घाट के रास्ते कालूबथान होते हुए रघुनाथपुर व निरसा होते हुए जामताड़ा भेजा जाता है. एक आंकड़े के अनुसार, एक आउटसोर्सिंग से प्रतिदिन लगभग सौ टन से अधिक कोयला की चोरी होती है.
खदान की स्थिति देख लौटी रेस्क्यू टीम
रेस्क्यू टीम जैसे ही अवैध खदान के मुहाने के समीप गयी, पाया कि खदान के अंदर कंपन जारी था. कभी भी खदान धंस सकती है. भयवश टीम लौट गयी. बाद में कुछ स्थानीय लोगों के सहयोग से मुहाने के सामने से मलबा हटाकर शव को बाहर निकाला गया.

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