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पीएमसीएच में 38 एसआर व ट्यूटर का रीनुअल नहीं, होगी नयी बहाली

धनबाद : मान्यता बचाने के लिए एकेडेमिक्स को दुरुस्त करने के संकट से जूझ रहे पीएमसीएच को नया झटका मिला है. पीएमसीएच के 38 सीनियर रेजिडेंट (एसआर) व ट्यूटर के रिनुअल को राज्य सरकार से मंजूरी नहीं मिली है. दिसंबर में इन एसआर व ट्यूटर को हटना पड़ेगा. इसके लिए जल्द ही सरकार एसआर व […]

धनबाद : मान्यता बचाने के लिए एकेडेमिक्स को दुरुस्त करने के संकट से जूझ रहे पीएमसीएच को नया झटका मिला है. पीएमसीएच के 38 सीनियर रेजिडेंट (एसआर) व ट्यूटर के रिनुअल को राज्य सरकार से मंजूरी नहीं मिली है. दिसंबर में इन एसआर व ट्यूटर को हटना पड़ेगा. इसके लिए जल्द ही सरकार एसआर व ट्यूटर की बहाली निकालेगी.
पे-स्लिप अब भी स्थायी : बता दें कि पीएमसीएच के एसआर व ट्यूटर की सेवा (टर्म) दिसंबर 2018 में समाप्त हो रही है. इसके लिए एसआर व ट्यूटर ने सरकार से सेवा विस्तार की मांग की थी. चिकित्सकों का कहना था कि पे-स्लिप उनको स्थायी मिल रही है. केंद्र सरकार की नियमावली का हवाला देते हुए कहते हैं कि एक वर्ष भी एसआर करने पर वे सेवा विस्तार के हकदार हो जाते हैं, पर पीएमसीएच मामले में यह नहीं माना जा रहा है.
दिसंबर से पहले नयी बहाली की कोशिश : सरकार ने 38 एसआर व ट्यूटर के लिए दिसंबर 2015 में बहाली निकाली थी. तीन वर्ष का इनका टर्म था. दिसंबर 2018 में टर्म खत्म होने पर है. विभागीय सूत्रों के अनुसार अब सरकार दिसंबर से पूर्व नये सिरे से बहाली निकालने जा रही है. कोशिश है कि एक माह में बहाली पूर्ण कर ली जाये. हालांकि चिकित्सकों की राज्य में भारी कमी है. ऐसे में नये एसआर व ट्यूटर कैसे व कहां से आयेंगे, यह सरकार के लिए बड़ा टास्क है.
एसआर ने लगाया मनमानी का आरोप : पीएमसीएच के एसआर ने प्रबंधन व सरकार पर मनमानी की आरोप लगाया है. उनका कहना कि इससे पहले एसआर व ट्यूटर का सेवा विस्तार किया गया, पर इस बार ऐसा नहीं हो रहा है. केंद्र सरकार के निर्देशों की अनदेखी हो रही है. एसआर का कहना है कि तीन वर्षों में जब भी एमसीआइ पीएमसीएच आयी, हमें ही फेस करना पड़ा. इन एसआर के कारण ही पीएमसीएच की मान्यता बरकरार रही. अब सेवा विस्तार की जगह नियमों का हवाला दिया जा रहा है.

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