केंदुआ: गोधर कुर्मीडीह बस्ती भू-धंसान से प्रभावित लोगों व बीसीकेयू समर्थकों ने मंगलवार को भ्रष्टाचार व तानाशाही के आरोप में कुसुंडा एजीएम आशुतोष द्विवेदी का पुतला जलाया. नेतृत्व बीसीकेयू केंद्रीय सचिव सह मासस जिलाध्यक्ष हरि प्रसाद पप्पू ने किया. इस दौरान कुसुंडा एजीएम को तत्काल हटाने की मांग की गयी. लोगों ने कहा कि प्रबंधन की कथनी व करनी में अंतर है.
गत 7 सितंबर को गोधर में भू-धंसान के बाद क्षेत्र का दौर कर कुसुंडा जीएम के निर्देश पर कमेटी बनायी गयी थी. कमेटी के अध्यक्ष कुसुंडा एजीएम आशुतोष द्विवेदी को प्रभावित परिवारों को अस्थायी तौर पर सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कराने व स्थायी पुर्नवास कराने का निर्देश दिया गया था. अस्थायी शिफ्टिंग होने तक उनके भोजन तक की व्यवस्था करने की बात कही गयी थी. लेकिन एक माह से ज्यादा समय बाद भी अस्थायी शिफ्टिंग नहीं करायी गयी. पुर्नवास की दिशा में कोई काम नहीं हुआ.
एजीएम ने तानाशाही करते हुए उन्हें भोजन दिया जाना भी बंद करा दिया. विवश होकर ग्रामीण जान जोखिम में डाल कर प्रभावित घरों में ही रह रहे हैं. बीसीकेयू सह मासस जिलाध्यक्ष हरि प्रसाद पप्पू ने कहा कि एजीएम का व्यवहार ठीक नहीं है. वह अपने गलत व्यवहार के लिए माफी मांगे. प्रबंधन को हर हाल में पुर्नवास करना होगा. आज के आंदोलन से अगर प्रबंधन सीख नहीं लेता है तो उग्र आंदोलन किया जायेगा. कार्यक्रम में बीसीकेयू नेता नंदलाल महतो, भूषण महतो, एके राय, धीरेन मुखर्जी, रवींद्र कुमार, विवेक कुमार, श्रवण सिंह, अशोक राम, बलराम प्रसाद गुप्ता, रतन कुमार, रामेश्वर महतो, रतिलाल महतो, कार्तिक महतो, दुलाल बाउरी, सुनील सिंह, माणिक चंद्र ढाड़ी, बाजो राम, राधा देवी, एतवारिया देवी, डोमना देवी, मनवा देवी, परवा देवी, फुलवा देवी, दुलाल बाउरी, राम प्रसाद बेलदार आदि शामिल थे.