Dhanbad News : झरिया सिंह नगर तेजन सिंह तालाब के समीप शुक्रवार को दीपक साव के कचरा गोदाम में लगी आग शनिवार की सुबह फिर भड़क उठी, उससे लोगों अफरातफरी मच गयी. हालांकि अभी तक अगलगी के कारण स्पष्ट नहीं हो पाये हैं. शुक्रवार देर रात तक दमकलकर्मियों ने आग पर काबू पाया था, लेकिन शनिवार की सुबह फिर दोबारा गोदाम में आग भड़क गयी. उसके बाद बनियाहीर से दमकलकर्मी एवं बीसीसीएल के फायर टैंकर घटनास्थल पहुंचे. पहले जेसीबी से दीवार को तोड़ा गया, फिर कर्मी आग बुझाने में जुटे रहे. शाम तक मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया. झरिया फायर ब्रिगेड के प्रभारी एसके पाठक ने बताया कि आग को पूरी तरह से बुझा दिया गया है. कचरा गोदाम संचालक दीपक साव ने झरिया थाना में शिकायत दी है. उसमें आग लगने के कारणों का जिक्र नहीं किया है. करीब 85 लाख से एक करोड़ रुपये की क्षति होने का अनुमान है. इस संबंध में झरिया थानेदार शशिरंजन कुमार का कहना है कि गोदाम संचालक दीपक साव ने आवेदन दिया है. पुुलिस इस मामले को गंभीरता पूर्वक जांच में जुटी है.
लोहा व ईंट चुरा कर ले जा रहे थे लोग
दूसरी ओर, आग लगी रहने के बाद भी लोहा को चुन कर ले जाने वाले लोगों का हुजूम भी देर रात तक देखा गया. लोग जले हुए चदरा व लोहा काटकर ले जा रहे थे. सुबह तक बाहर पड़ी ईट व ड्रॉम को भी एक-एक कर उठाकर लो ले जा रहे थे. सूचना जैसे ही मालिक दीपक साव को मिली, तो उन्होंने रिश्तेदारों को भेज कर चोरी रोकने का प्रयास किया.अग्निकांड में सब कुछ लुटा चुके परिवार को है सरकारी सहायता का इंतजार
आबादी के बीच बने कचरा गोदाम में आग लगने के साथ गोदाम के बगल में रहने वाले कई परिवारों का भी आशियाना भी उजड़ गया. बेकाबू हुई आग की चपेट में आकर प्लास्टिक ड्रॉम के व्यापारी राजू साव, मसाला व्यापारी आलोक सेन, द्वारिका सिंह, मिंटू साव, प्रवीण कुमार दे, अवधेश साव सहित एक अन्य परिवार का घर भी जल गया. घर में रखे लाखों के सामान आग की भेंट चढ़ गयी. अग्निकांड में अपना सब कुछ गवां चुके पीड़ित परिवार सरकारी मदद की आस देख रहे हैं. अभी तक किसी जनप्रतिनिधि और न ही सरकारी मुलाजिम ने कोई सुधि ली है.जीवन भर की मेहनत चली गयी : राजू साव
राजू साव का कहना है कि मैंने काफी मेहनत के बाद प्लास्टिक के ड्रॉम का व्यवसाय शुरू किया था. आग लगने से उन्हें डेढ़ से दो लाख का नुकसान उठाना पड़ा है. रात के अंधेरे में बचे हुए करीब 65 से 70 डॉम को लोग ले भागे.पूरा घर हो गया है बर्बाद : द्वारिका सिंह
वहीं द्वारिका सिंह का कहना है कि उसका पूरा घर बर्बाद हो चुका है. घर की छत भी पूरी तरह टूट चुकी है. घर का सारा सामान जिसकी अनुमानित कीमत दो लाख की थी, पूरी तरह जल चुके हैं. अब उनके सिर पर छत भी नहीं है.परिजनों को परिचित के यहां भेज दिये हैं आलोक सेन ने
आलोक सेन कचरा गोदाम के पड़ोस में रहकर मसाला का व्यापार किया करते थे. उनके करीब तीन लाख का मसाला सहित अन्य सामान जलकर खाक हो चुके हैं. पीड़ित परिवार अपने घर के सदस्यों को अपने परिचित के यहां भेजने को मजबूर हो गये हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

