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सिंफर की रिपोर्ट: सेंद्रा बांसजोड़ा स्टेशन से दूर है भूमिगत आग

धनबाद: आग के खतरे को देखते हुए भले ही धनबाद-चंद्रपुरा रेल मार्ग को 15 जून से बंद कर दिया गया है, लेकिन सिंफर की रिपोर्ट बताती है कि इस रेल मार्ग के सबसे खतरनाक क्षेत्र सेंद्रा बांसजोड़ा स्टेशन से भूमिगत आग अभी भी 20 से 40 मीटर दूर है. इसके साथ ही आग बुझाने के […]

धनबाद: आग के खतरे को देखते हुए भले ही धनबाद-चंद्रपुरा रेल मार्ग को 15 जून से बंद कर दिया गया है, लेकिन सिंफर की रिपोर्ट बताती है कि इस रेल मार्ग के सबसे खतरनाक क्षेत्र सेंद्रा बांसजोड़ा स्टेशन से भूमिगत आग अभी भी 20 से 40 मीटर दूर है. इसके साथ ही आग बुझाने के विभिन्न उपायों के फलस्वरूप तापमान में भी कमी आयी है. स्थिति पहले से बेहतर हुई है.

जबकि पूर्व में एक बार आग सेंद्रा बांसजोड़ा स्टेशन को पार कर चुकी थी. रेलवे ने डीजीएमएस की सिफारिश पर इस रेल मार्ग को बंद किया है. डीजीएमएस की रिपोर्ट में कहा गया था कि कई स्थानों पर भूमिगत आग रेल लाइन के नीचे से पार कर चुकी है. कभी भी धंसान हो सकती है.
मार्च 2017 में हुई थी जांच: केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान (सिंफर) की टीम ने सेंद्रा बांसजोड़ा स्टेशन के पास 15 स्थानों पर बोरहोल के जरिये भूमिगत आग की स्थिति की जांच की थी. दो से सात मार्च 2017 के बीच हुई जांच के दौरान स्टेशन से नौ से 40 मीटर दूर तक जांच की गयी. बीसीसीएल द्वारा किये गये बोरहोल में ही गैस, भूमिगत आग के तापमान एवं प्रेशर की मापी हुई. इसकी जांच रिपोर्ट छह मई 2017 को बीसीसीएल को भेजी गयी थी. जांच में भूमिगत आग का ग्रोथ निगेटिव में आया. यानी स्टेशन से सटे क्षेत्र में भूमिगत आग से फिलहाल खतरा नहीं है. इससे ज्यादा तापमान वर्ष 2010 में इस इलाके में था. इसके बाद इस इलाके में भूमिगत आग पर काबू पाने के लिए फीलिंग का काम शुरू हुआ था.
लगातार प्रयास से गिरा तापमान
वैज्ञानिकों का मानना है कि लगातार पानी एवं सोडियम सिलकेट डालने से इस इलाके में भूमिगत आग का तापमान कम हुआ. आग के बढ़ने की रफ्तार घटी. पानी एवं सोडियम सिलकेट डालने का काम बीसीसीएल ही करा रहा है. सिंफर की टीम केवल निगरानी करती है. हालांकि यह इलाका अग्नि प्रभावित क्षेत्र है. मार्च के बाद इस क्षेत्र में भूमिगत आग की जांच नहीं हुई है.
सिंफर को सिर्फ जांच की जिम्मेवारी मिली थी
बीसीसीएल द्वारा संस्थान को धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन में भूमिगत आग की स्थिति की जांच करने की जिम्मेवारी दी गयी थी. यह पता करने को कहा गया था कि भूमिगत आग से रेलवे लाइन सुरक्षित है कि नहीं. सिंफर की जांच टीम ने अपनी अध्ययन रिपोर्ट बीसीसीएल, डीजीएमएस को मई में ही सौंप दी थी.
डॉ पीके सिंह, निदेशक, सिंफर

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