मधुपुर. शहर के भेड़वा नावाडीह स्थित राहुल अध्ययन केंद्र में शनिवार को विश्व प्रेस दिवस मनाया गया. इस अवसर पर धनंजय प्रसाद ने कहा कि प्रेस की आजादी का मतलब होता है, संचार व अभिव्यक्ति की आजादी, जो संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकार है. इससे हमें कोई भी वंचित नहीं कर सकता है. आज साजिश के अभिव्यक्ति की आजादी को बल पूर्वक कुचला जा रहा है. उन्होंने कहा कि संवैधानिक व कानूनी प्रावधान द्वारा प्रेस की भूमिका व दायित्व काफी बड़े है और जोखिम भी बढ़े है. काॅरपोरेट घरानों व सत्ता दोनों के विशेष में आज प्रेस काम करने को विवश है. इसलिए प्रेस चाहकर भी स्वतंत्र सोच के तहत जनपक्षीय भूमिका अदा नहीं कर पा रहा है. सत्ता को खुश रखना और उपभोक्तावाद को बढ़ावा देना आज प्रेस की महत्वपूर्ण भूमिका व विवशता हो गयी है. जबकि लोकतंत्र में में प्रेस जनता व सत्ता के बीच की कड़ी मुख्य भूमिका में है, जो आज गौण है. इसीलिए प्रेस की स्वतंत्रता बहुत ही जरूरी है. ताकि लोकतंत्र को सही दिशा में संचालित कराने में मदद मिले. जनपक्षीय कार्य कर सके. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर किसी भी तरह की पाबंदी लोकतंत्र व समाज के लिए खतरनाक है. इसके लिए सभी को एकजुटता के साथ आगे आनी चाहिए. मौके पर अन्य प्रेस प्रतिनिधि मौजूद थे.
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