संवाददाता, देवघर : सोमवार को बिशुआ संक्रांति पर्व मनाया जायेगा. इस दिन बांग्ला पंचांग के अनुसार पहला वैशाख का उत्सव भी होगा. इस अवसर पर बाबा मंदिर परिसर में जलार्पण करने वालों की भारी भीड़ होगी. साथ ही अलग-अलग अनुष्ठान कराने आये भक्तों की भीड़ जुटेगी. चली आ रही परंपरा के अनुसार, मंदिर इस्टेट की ओर से भी विशेष भोग व बाबा बैद्यनाथ के लिए विशेष व्यवस्था का आयोजन किया जायेगा. मास व्यापी भोग व गलंतिका लगाने की परंपरा होगी शुरू बाबा के मास व्यापी भोग की शुरुआत तथा गलंतिका लगाने की परंपरा का निर्वहण होगा. अहले सुबह बाबा मंदिर का पट खुलने के बाद दैनिक पूजा होगी. उसके बाद बाबा मंदिर परिसर के भीतरखंड कार्यालय में मंदिर की ओर से पुजारी बाबा भोलेनाथ को सत्तू, आम के टिकोले, दही व गुड़ का भोग लगाया जायेगा. यह भोग पूरे एक मास संक्रांति तक लगेगा. भोग अर्पित होने के बाद भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया जायेगा. वहीं जलार्पण के बाद बाबा मंदिर का पट बंद होने के पूर्व बाबा की पूजा कर पुजारी के द्वारा गलंतिका लगाया जायेगा, यानी बड़े आकार के त्रिपद के ऊपर चांदी के घड़े को रख इसमें गंगाजल भर जायेगा. वहीं घड़े के नीचले भाग के छेद से बाबा के एक ऊपर बूंद -बूंद जल टपकता रहेगा. इस गलंतिका को शृंगार पूजा के समय हटाया जायेगा. मान्यता है कि प्रचंड गर्मी से राहत दिलाने के लिए बाबा को शीतलता प्राप्त हो, इसके लिए पूरे वैशाख माह तक गलंतिका लगाने की परंपरा जारी रहेगी.
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