चितरा. थाना क्षेत्र अंतर्गत ठेंगाबाद गांव में हुए डकैती कांड में अब नया मोड़ सामने आया है. इस संबंध में जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने मामले का पर्दाफाश करते हुए कहा है कि यह घटना वास्तविक डकैती नहीं थी, बल्कि जमीन विवाद में फंसाने को लेकर साजिश की थी. वहीं, सारठ एसडीपीओ रंजीत कुमार लकड़ा ने बुधवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि कुछ लोगों से जमीन को लेकर पुराना विवाद चल रहा था. इसके चलते ठेंगाबाद निवासी इसीएल कर्मी प्रसादी दास ने गांव के ही भीम दास पिता बहादुर दास, बहादुर दास पिता स्वर्गीय जलेश्वर दास, साकिम ठाढी, अर्जुन दास पिता स्वर्गीय जरमन दास साकिम नवाडीह को फंसाने की नीयत से डकैती की झूठी कहानी रची थी. जांच के दौरान पुलिस को न तो कोई लूटे गए सामान का सुराग मिला, न ही किसी बाहरी गिरोह की संलिप्तता सामने आई. वहीं, बयान और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर व भौतिक व तकनीकी तौर पर यह साफ हुआ कि घटना की पूरी तरह से रची गयी थी. एसडीपीओ ने यह भी बताया कि डकैती की रात बतायी गयी घटनाओं में कई विरोधाभास पाया गया है. मोबाइल कॉल डिटेल्स का सीडीआर की जांच में भी तथ्य सामने आए हैं कि प्रसादी दास ने पुलिस को सूचना देने से पूर्व कई अननोन लोगों के साथ उसकी बात हुई है. इसके बाद जब पुलिस ने गहन पूछताछ की तो सच्चाई सामने आई. पुलिस अब साजिशकर्ता के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज करने की प्रक्रिया में जुटी है. इस संबंध एसडीपीओ रंजीत कुमार लकड़ा ने कहा कि कथित डकैती कांड में शुरुआती जांच में ही मामला तथ्यहीन पाया गया था. ग्रामीणों से भी इस संबंध पूछताछ की गयी तो किसी ने घटना की पुष्टि नहीं की. कहा कि कथित नामजद आरोपियों के साथ साजिशकर्ता प्रसादी दास का पूर्व से जमीन विवाद चला आ रहा है. यह भी बताया है कि उक्त मामले में घटना की संध्या ग्रामीण स्तर पर फैसला भी होना था. हाइलार्ट्स : चितरा में हुई डकैती कांड का हुआ पर्दाफाश
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