देवघर. देवघर नगर थाना क्षेत्र में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जिसमें परिवहन विभाग की एक बड़ी चूक उजागर हुई है. वर्ष 2023 में एक चेकिंग अभियान के दौरान स्कूटी सवार को पकड़ने पर उसके नाम पर जुर्माना काटा गया था, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से जुर्माना कार मालिक योगेन्द्र कुमार तिवारी के नाम से काटा गया. इस मामले में सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि योगेन्द्र की कार का रजिस्ट्रेशन नौ अक्टूबर 2023 को हुआ था, जबकि जुर्माना 12 सितंबर 2023 का था. जुर्माने में हेलमेट न पहनने, ड्राइविंग लाइसेंस न होने और अन्य आरोप लगाए गए हैं, लेकिन ये सब आरोप एक स्कूटी सवार पर लागू होते हैं. अब योगेन्द्र ने इस गड़बड़ी के लिए परिवहन विभाग से जांच की मांग की है और अपने नाम पर लगाये गये जुर्माने को माफ करने की अपील की है. यह मामला विभागीय लापरवाही और गलतियों को लेकर अब चर्चा का विषय बन गया है. वर्ष 2023 में देवघर परिवहन विभाग की चेकिंग अभियान में उनके कार्यालय के सामने एक स्कूटी सवार पकड़ा गया था. उस आरोप में बिना हेलमेट सहित अन्य आरोपों की फाइन साकेत विहार बरमसिया निवासी कार चालक योगेन्द्र कुमार तिवारी के नाम से कट गया. हाल के दिनों में कार मालिक योगेंद्र के मोबाइल पर वर्ष 2023 के चेकिंग में पकड़े जाने का एक मैसेज आने के बाद से वह काफी परेशान हो गये. जानकारी के मुताबिक, योगेंद्र को दो जुर्माना भरना था. एक जुर्माना 650 रुपये का धनबाद में पार्किंग की गड़बड़ी के कारण कटा था, तो दूसरा 6500 रुपये का जुर्माना था, जिसमें उन्हें हेलमेट नहीं पहनने, ड्राइविंग लाइसेंस नहीं रहने आदि का दोषी बताया गया था. गौर करने पर पता चला कि यह जुर्माना 12 सितंबर 2023 से जुड़ा हुआ है. चालान में गाड़ी का नंबर उसकी कार का जेएच 15 एएफ 4444 था. तारीख देखते वे अचरज में पड़ गये. कार का रजिस्ट्रेशन उसने नौ अक्तूबर 2023 को कराया था, यानी कि गाड़ी खरीदने व रजिस्ट्रेशन होने से एक माह पहले ही उसके कार नंबर का चालान काट दिया गया. पता करने पर जानकारी हुई कि यह चालान अपने कार्यालय के समीप चेकिंग अभियान में परिवहन विभाग द्वारा ही काटा गया था. यह भी पता चला कि उस चालान के साथ जो फोटो था, वह एक स्कूटी का है. उक्त फोटो भी परिवहन विभाग कार्यालय के अंदर का ही नजर आ रहा था. फाइन संबंधी मैसेज में स्कूटी मालिक का नाम श्याम यादव लिखा था. इस प्रकार यह पता चला कि गलती श्याम यादव ने अपनी स्कूटी के साथ की और चालान कार मालिक योगेन्द्र तिवारी का काट दिया गया था. फाइन संबंधी चालान में योगेंद्र के कार का नंबर डाल दिया गया था. इस पूरे मामले में रोचक बात यह है कि जिस कार का नंबर जारी ही नहीं हुआ था. उसका चालान भला कैसे कट गया. यह गलती से हुआ या फिर किसी ने जानबूझकर ऐसा किया था, जो जांच का विषय है. योगेन्द्र ने इस संबंध में जिला परिवहन पदाधिकारी को आवेदन देकर मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया है. साथ ही अपने कार पर लगाये गये जुर्माना को माफ कराने की भी मांग की है.
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