मधुपुर. शहर के भेड़वा नावाडीह स्थित राहुल अध्ययन केंद्र में कवींद्र रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती व मातृ दिवस मनाया गया. इस अवसर पर गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की तस्वीर पर लोगों ने माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया. वहीं, धनंजय प्रसाद ने कहा कि मां से बढ़कर कोई नेमत इस दुनिया में नहीं है. उन्होंने कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर आधुनिक भारत जागरण के अग्रदूत थे. वे दुनिया में एक मात्र कवि है, जिनकी गीत दो राष्ट्रों की राष्ट्र गान है. उनकी सृजनशीलता बलवती रही है. वो तीन हजार से अधिक गीतों की रचना किये. जो आज भी जनमानस में रवींद्र संगीत के रूप में मौजूद है. वे बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न व्यक्तित्व के धनी थे. उन्होंने कहानी, उपन्यास, नाटक, गीत की रचनाएं की. चित्रकला, मूर्तिकला में उनका अद्वितीय लगाव रहा है. उन्हें ख्याति गीतकार के रूप में मिली. उनकी गीति रचना-गीतांजलि को दुनिया का सबसे बड़ा सम्मान नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में भी शांति निकेतन विश्वविद्यालय खोलकर अनुपम व अद्वितीय योगदान दिया है. वे अपने कृतियों के बल पर देश का नाम पूरी दुनिया में रौशन किया. इस अवसर पर उपस्थित अन्य लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किये.
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