चितरा. चितरा कोलियरी के मुख्य वर्कशॉप द्वार पर गेट मीटिंग आयोजित कर मजदूरों को संगठित रहने व अपने अधिकारों के प्रति सतर्क रहने के लिए जागरूक किया गया. साथ ही एकजुटता प्रदर्शित करते हुए नारा बुलंद किया गया. इस अवसर पर एटक एरिया सचिव सह भाकपा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य पशुपति कोल ने कहा कि चितरा कोलियरी का राष्ट्रीयकरण एक जून 1974 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था. एक नवंबर 1975 को कोल इंडिया का स्थापना किया गया था. कोल इंडिया स्थापना होने में 51 वर्ष हो गया. उन्होंने कहा कि उस समय कोयला मजदूर कठिन परिस्थिति में कार्य करते थे. ट्रेड यूनियन और प्रबंधन ने समय पर कोल इंडिया में परिवर्तन करते रहा, जिससे कोयला मजदूरों का लिविंग ऑफ स्टैंडर्ड कैसे बढ़े इसके लिए काम किया गया. वहीं, उन्होंने कहा कि कोल इंडिया स्थापना दिवस मना रहा है. इस समय में केंद्र सरकार कोयला खदान व अन्य उद्योग बेचे जा रही है. कहा कि आज जरूरत है मजदूरों को एकजुट होकर कोल इंडिया व चितरा कोलियरी को बचाने की. उन्होंने कहा कि 2030 तक 1 मिलियन टन कोयला का उत्पादन करेंगे. पर नौकरी असंगठित मजदूरों से नहीं बल्कि प्राइवेट के माध्यम से लिया जायेगा. कहा कि इस स्थिति में मजदूरों का संगठन कमजोर हुआ तो आने वाले दिनों में कोल इंडिया नहीं बचेगा. मौके पर मजदूर नेता श्याम सुंदर तिवारी, एरिया कमेटी सदस्य षष्ठी महतो, जुगल दास, फनी महतो, रतन रजक, देना हांसदा, समशुल अंसारी, जन्मजय मिर्धा, जगन्नाथ कोल, बालेश्वर मुर्मू, शोभा देवी, पुरन मिर्धा, लक्षण दास आदि मौजूद थे. हाइलार्ट्स : गेट मीटिंग आयोजित कर कोयला मजदूरों को किया जागरूक
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