चितरा. कोलियरी प्रक्षेत्र स्थित सोनातर गांव स्थित मध्य विद्यालय प्रांगण में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को लेकर सभा आयोजित की गयी. कार्यक्रम की शुरुआत भगवान बिरसा मुंडा की तस्वीर पर माल्यार्पण कर किया गया. कार्यक्रम में बिरसा मुंडा के संघर्ष, त्याग और उनके आदिवासी समाज एवं झारखंड की पहचान को बचाने के आंदोलन प्रकाश डाला गए. इस अवसर पर अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के महासचिव सह मजदूर नेता पशुपति कोल ने कहा कि बिरसा मुंडा का सपना आज पूरा नहीं हुआ है. कहा उनका सपना था कि जल-जंगल-जमीन पर उनका हक सुरक्षित रहे और हर झारखंडी सम्मान के साथ जी सके, लेकिन 25 वर्षों बाद भी स्थित चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि खनिज संपदा से समृद्ध राज्य होने के बावजूद आज भी पलायन, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार चरम सीमा है. शिक्षा लगातार कमजोर होती जा रही है, कल-कारखाने भी नहीं खुल रहे हैं. इतना ही नहीं रोजगार के अभाव में युवा राज्य से बाहर पलायन को विवश हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड बनाने का जो सपना था, वह आज भी अधूरा है. गरीब, आदिवासी, दलित तथा पिछड़ा वर्ग के लोग हाशिये पर खड़े हैं. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि जनता सरकार से सीधे सवाल पूछे. झारखंडियों को रोटी, शिक्षा व नौकरी दे-यही कार्यक्रम का मूल उद्देश्य है. मौके पर जीतू कोल, मनोज कुमार, महेंद्र दास, किसनू कोल, रंजीत कोल, राजू दास, अर्जुन कोल, राम दास, राजकिशोर कोल आदि मौजूद थे. हाइलार्ट्स : सोनातर गांव में भगवान बिरसा की मनायी गयी जयंती, जन समस्याओं को उठाया गया
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