मधुपुर. स्थानीय स्टेशन परिसर में ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के आह्वान पर इस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन शाखा मधुपुर ने देशव्यापी आंदोलन के तहत विरोध प्रदर्शन किया. मौके पर यूनियन के सदस्यों ने बताया कि रेलवे बोर्ड कर्मचारियों पर दमनकारी व अनैतिक कानून थोप रहा है, जिसमें हाइ स्पीड ट्रेन के अलावा किसी भी ट्रेन के लोको पायलट के साथ सहायक लोको पायलट नही चलेंगे. इसी आदेश के कारण सुरक्षा की दृष्टिकोण से बड़े ही भयावह परिणाम हो सकते है. पिछले दिनों वेतन के साथ-साथ सभी अलाउंस में 25 प्रतिशत की वृद्धि की गयी थी. लेकिन रनिंग स्टाफ को उसके रनिंग एलाउंस में यह वृद्धि नहीं की गयी. इआरएमयू मधुपुर के शाखा सचिव बलदेव महतो ने कहा कि बोर्ड से निर्गत पत्र में लोको पायलट व सहायक लोको पायलट का अहित है, साथ ही यह आदेश नुकसान दायक है. बोर्ड ने पत्र में हाइ स्पीड ट्रेनों में असिस्टेंट लोको पायलट के लिए 60 हजार किमी का अनुभव आवश्यक कर दिया है. इएमयू में असिस्टेंट लोको पायलट को हटा दिया गया है, जबकि मेमू ट्रेन में 200 किमी और उससे अधिक दूरी पर ही लोको पायलट दिये जायेंगे. इससे चालक को ट्रेन परिचालन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. बताया कि कवच सहायक चेतावनी पद्धति वाले क्षेत्र में असिस्टेंट लोको पायलट नहीं दिये जायेंगे. लोको पायलट के कामकाज से जुड़े अन्य मसलों पर बोर्ड के जारी निर्देशों पर भी यूनियन नेताओं ने विरोध जताया है. यूनियन के पदाधिकारियों ने रेलवे बोर्ड स नये नियमों को वापस लेने की मांग की है. मौके पर प्रदर्शन में अध्यक्ष मिथलेश सिंह, वकील यादव दीपक मिश्रा, धर्मेंद्र कुमार, राजीव पांडे ,अजय सिंह, संजय यादव, गौरी शंकर प्रसाद, सुनील कुमार महतो, कुंदन झा, विनोद यादव, हीरा बर्मन, प्रफुल्ल भैया, जाहिद अंसारी समेत विभिन्न स्टेशन के दर्जनो रेलकर्मी उपस्थित थे.
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