मधुपुर. प्रखंड की गड़िया पंचायत के पुनीझरी स्टेडियम वर्ष 2021 में करोड़ों की लागत से निर्माण किया गया महज तीन साल में स्टेडियम की हालत चरमरा गयी है. स्टेडियम इनदिनों पशुओं का चारागाह बनकर रह गया है. खिलाड़ियों के लिए कोई भी सुविधा स्टेडियम में उपलब्ध नहीं है. पीने का पानी, खिलाड़ियों का चेजिंग रूम, शौचालय, बिजली, बैठने की उचित व्यवस्था नहीं है. स्थानीय महिला खिलाड़ियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. स्टेडियम में बना कमरा का खिड़की और दरवाजा गायब है. स्टेडियम पहुंचने वाले अतिथियों को बरसात और कड़ी धूप से बचने के लिए शेड का निर्माण किया गया था वह भी टूट चुका है. बिजली नहीं रहने पर शाम के समय काफी अंधेरा छा जाता है. स्टेडियम में दर्शकों के बैठने की व्यवस्था नहीं है. शेड नहीं रहने के कारण धूप में बैठकर खेल देखना पड़ता है. जिला फुटबाल संघ के अध्यक्ष विद्रोह मित्रा ने बताया कि स्टेडियम पर न तो सरकार का ध्यान है और ना ही स्थानीय जन प्रतिनिधियों का. मैदान में बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए है. खिलाड़ियों को खेलने मे परेशानी हो रहीं है. मधुपुर में खेल मैदान नहीं होने से स्थानीय खिलाड़ियों का प्रतिभा दबकर रह गयी है. खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका नहीं मिल पा रहा है. संसाधनों के अभाव, आर्थिक तंगी से यह प्रतिभाएं अपना दम दिखाने से पहले ही दमतोड़ देती है. सरकार खेलों इंडिया के नाम से चाहे जितनी भी दावे करे जमीनी हकीकत में ग्रामीण क्षेत्र के खिलाड़ियों को कोई सुविधा नहीं है. बताया कि देवघर जिला फुटबाल संघ के द्वारा पिछले वर्ष 2023-24 में पुरुष व महिला वर्ग का फुटबॉल लीग मैचों का आयोजन इसी स्टेडियम में किया गया था. आने वाले समय में खिलाड़ियों के लिए कैंप और मैचों का आयोजन इस स्टेडियम में आयोजित करने के लिए सोचा जा रहा है, ताकि जिले में एक फुटबॉल का माहौल तैयार हो. इसके लिए स्टेडियम में व्यवस्था सुधार जरूरी है. झारखंड सरकार कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग ने राज्य के करीब करीब सभी प्रखंडों में स्टेडियम का निर्माण तो किया है. पर देखरेख के अभाव में सभी स्टेडियम बर्बाद हो रहें हैं. सरकार को स्टेडियम के रखरखाव पर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि खेल होता रहे और खिलाड़ियों को समुचित सुविधा उपलब्ध हो.
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