संवाददाता, देवघर. ग्रामीण क्षेत्रों में जिला परिषद के माध्यम से खर्च होने वाली विकास की राशि पिछले कई महीने से खाते में पड़ी हुई है. देवघर में एक महीने से डीडीसी व दो महीने से जिला अभियंता की पोस्टिंग नहीं हो पायी है. डीडीसी जिला परिषद के पदेन मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी होते हैं, जबकि जिला अभियंता को जिला परिषद में वित्तीय व तकनीकी स्वीकृति देने का अधिकार रहता है. केंद्र सरकार की 15वें वित्त आयोग से जिला परिषद को कुल छह करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं. इस राशि के अनुसार जिला परिषद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष से लेकर सभी जिला परिषद सदस्यों की अनुशंसा पर योजनाओं की स्वीकृति भी दी जा चुकी है. इस राशि को अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित जिप सदस्यों की अनुशंसा पर उनके क्षेत्रों में बांटकर योजनाएं बनायी गयीं हैं. योजनाओं में सड़क, नाला, पेयजलापूर्ति योजना आदि है. इसमें कई योजनाओं पर काम लाभुक समिति से कराये जायेंगे, जबकि कई योजनाओं का टेंडर कर काम कराया जायेगा. विभाग के अनुसार बगैर जिला अभियंता के योजनाओं का टेंडर नहीं निकाला जा सकता है. योजनाओं के तकनीकी पत्र से लेकर बिल के भुगतान में जिला अभियंता का हस्ताक्षर अनिवार्य है, ऐसी परिस्थिति में मार्च में योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए समस्या खड़ी हो गयी है. मार्च में वित्तीय वर्ष 2024-25 समाप्त हो जायेगा, अगर समय पर राशि खर्च कर उपयोगिता प्रमाण-पत्र केंद्र सरकार को नहीं मिला तो अगली अनुदान राशि जिला परिषद मिलने में समस्या हो सकती है, साथ ही जिला अभियंता की पोस्टिंग नहीं होने से जिला परिषद से संचालित अन्य फंड की योजनाओं को पूर्ण करने पर तकनीकी रूप से बाधा आ रही है.
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