परेशानी . जलमीनार बनने के बाद भी नहीं मिला पानी
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शोभा की वस्तु बनी सोलर पानी टंकी
परेशानी . जलमीनार बनने के बाद भी नहीं मिला पानी सारवां : प्रखंड के नारंगी पंचायत अंतर्गत मिश्र गिधंडा गांव की आबादी लगभग 400 है. ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये पीएचइडी विभाग के द्वारा छोटी जलमीनार का निर्माण कराया गया था. बिजली के अभाव में नियमित पेयजल सप्लाई के लिये […]
सारवां : प्रखंड के नारंगी पंचायत अंतर्गत मिश्र गिधंडा गांव की आबादी लगभग 400 है. ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये पीएचइडी विभाग के द्वारा छोटी जलमीनार का निर्माण कराया गया था. बिजली के अभाव में नियमित पेयजल सप्लाई के लिये गांव में सोलर प्लेट से पेयजल की व्यवस्था की गयी थी. लाखों खर्च कर गांव के मध्य में एक हजार लीटर क्षमता वाली छोटी जल मीनार का निर्माण चार माह पूर्व कराया गया था.
ग्रामीण नुनू मिश्रा, सत्यानंद झा सुरेश झा, विजय झा, बिरेंद्र झा, उत्तम झा, विकास झा, राजा झा, मुकेश झा, दिलीप झा, मनोज झा, गणेश झा, सुनील झा, आदि ने कहा कि टंकी के बनने से गांव वालों में एक उम्मीद की किरण जगी थी कि अब पेयजल की समस्या का समाधान हो जायेगा. नदी के चुआड़ी से महिलाओं को पानी नहीं लाना पड़ेगा. ग्रामीणों को पेयजल की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा. इसे गांव वालों की विडंबना समझें या विभाग की लापरवाही कि आज तक पानी टंकी से एक बूंद भी पानी नसीब नहीं हो सका. विभाग के मिस्त्री सोलर से चलने वाले मोटर तक खोल कर ले गये. इससे गांव के लोगों में निराशा छा गयी.
वहीं गांव में मात्र एक फेज बिजली रहने के कारण अक्सर लो वोल्टेज की समस्या से आती है. इसके निर्माण में काफी अनियमितता बरती गयी. मात्र चार माह में ही पिलर की जमीन धंसने लगी. यह किसी भी वक्त गिर सकता है. ग्रामीणों ने इसकी जांच करा कर स्वच्छ पेयजल व्यवस्था बहाल करने के लिये मिनी जल मीनार चालू कराने की मांग की है.
चार चापानल में से तीन बेकार
प्रभात खबर सजेशन के तहत हमारे एक सुधी पाठक ने इस समस्या को उठाया था. इस गांव में चार माह पूर्व सोलर प्लेट की ऊर्जा से पेयजल आपू्र्ति के लिये जलमीनार बनायी गयी थी. विभागीय उदासीनता की वजह से यह बेकार पड़ी है. ग्रामीण आज भी पेयजल के संकट से जूझ रहे हैं. गांव में पेयजल के लिये लोग चापानल पर निर्भर हैं.
सोहन झा ने कहा मिनी पानी टंकी बनने से उम्मीद जगी थी की अब पेयजल की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा. लेकिन विभाग की लापरवाही के चलते यह गांव की शोभा की वस्तु बन कर रह गयी है.
टिंकू झा ने कहा विभाग के द्वारा केवल खानापूर्ति की गयी है. निर्माण में काफी अनियमितता हुई है. इसकी जांच हो और गांव के लोगों को पेयजल की सुविधा उपलब्ध करायी जाये.
सुभाष कुमार झा ने कहा कि हम लोगों को पानी टंकी के नाम पर विभाग बच्चों का झुनझुना पकड़ा कर चला गया. आज तक इससे पेयजल सुविधा गांव के लोगों को क्यो नहीं मिली इसकी जांच हो.
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