देवघर: आपके सीम पर करोड़ों की लॉटरी लगी है. मोबाइल पर इसका मैसेज आते ही दर्जनों लोग झांसे में आकर ठगी के शिकार हो रहे हैं. ऐसे ही एक गोरखधंधे का परदाफाश हुआ है.
लोगों से ठगी करनेवाला बीआइटी का इंजीनियर सोनू दास को गुरुवार को देवघर जिले के मोहनपुर बाजार से उत्तराखंड पुलिस के हत्थे चढ़ा है. सोनू बिहार के कहलगांव थाना क्षेत्र अंतर्गत अकबरपुर गांव का रहनेवाला है. सोनू ने बीआइटी पटना से 2012 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की है.
बुधवार की देर रात उत्तराखंड पुलिस के सब इंस्पेक्टर अशोक राठौर व मोहनपुर थानेदार अशोक शर्मा के नेतृत्व में छापेमारी कर सोनू को पकड़ा. कोर्ट में पेशी के बाद पुलिस सोनू को लेकर उत्तराखंड चली गयी.
लॉटरी लगने के नाम पर डलवाया पैसा
देवघर एसडीपीओ अनिमेष नैथानी व एसआइ अशोक राठौर ने बताया कि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के उखीमठ का रहनेवाला रंजीत सिंह ने 12.80 लाख रुपये की धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज 11 जनवरी 2014 को करायी है. रंजीत केदारनाथ के रास्ते में लॉज चलाता है. रंजीत सिंह को पाकिस्तान के आइएसडी नंबर+922 से चिट फंड कंपनी का नाम लेकर फोन आया व उनसे कहा गया कि आपके सिम के नाम करोड़ों रुपये की लॉटरी लगी है. इसके बाद रंजीत को विश्वास में लेकर टैक्स व अन्य प्रोसेस के लिए बैंकों एकाउंट नंबर में कुल 12.80 लाख रुपये डलवाये गये. एसआइ राठौर के अनुसार, कई बार रंजीत को फोन पर बताया गया कि आपके इनाम की राशि बढ़ गयी है. यह सिम तो सिने स्टार शाहरुख खान व मनमोहन सिंह ने भी अधिक पैसे में खरीदने की इच्छा जतायी है. इसलिए अगर अधिक पैसे देंगे तो इनाम की राशि आपको भेज दी जायेगी. इस झांसे में आकर रंजीत ने अलग-अलग दिनों में कुल 12.80 लाख रुपये एकाउंट में डाल दिये. समय बीत जाने पर लगातार कोई न कोई बहाना बनाते देख रंजीत ने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी.
ऐसे पकड़ में आया सोनू
उत्तराखंड पुलिस ने एकाउंट संचालक के नाम व पते से सोनू दास को खोज निकला. वहीं सोनू के पकड़ाने में पुलिस का एक और पैतरा काम आया. पुलिस ने बीआइटी पटना के निदेशक को मामले की जानकारी देकर सूचित किया था. सोनू ने एक बार बीआइटी पटना के निदेशक को फोन कर अपने रिजल्ट संबंधी जानकारी ली. इससे कॉल लोकेशन का पता चल गया. एकाउंट में दिये गये पते के अनुसार, उत्तराखंड पुलिस ने सोनू के घर कहलगांव में पहले छापेमारी की, लेकिन पुलिस को सूचना मिली कि सोनू अपने बहनोई राजेश दास के घर में छिपा है. राजेश दास मोहनपुर थाने का सरकारी ड्राइवर है. छानबीन में पता चला है कि कुल पांच बैंक एकाउंट में सोनू ने पैसे जमा किये थे. इसमें दो एकाउंट में तीन लाख, 80 हजार रुपये पाये गये व शेष राशि अन्य तीन एकाउंट में हैं. पुलिस ने सभी बैंक एकाउंट को जब्त कर लिया है. पुलिस ने सोनू का दो बैंक एटीएम व महंगी मोबाइल भी बरामद किया है.
इंटरनेट से ठगी का फैलता कारोबार (बॉक्स)
एसआइ राठौर के अनुसार ऐसे ठगों का पूरे देश में बड़ा रैकेट चला रहा है. हो सकता है कि सोनू अपने अन्य साथी से फोन कॉल करवाकर लोगों को अपने झांसे में ले रहा हो. इस फरजीवाड़े में इंटरनेट की गैर कानूनी साइट का इस्तेमाल किया गया है. इंटरनेट में एक गैर कानूनी क्रेजी साइट है. इसके जरिये विदेशों से फोन कॉल किये जा सकते हैं. इसके अलावा इस रैकेट में शामिल लोग पाकिस्तान व अन्य देशों के सिम का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. भारत के रहने वाले पाकिस्तान के बॉर्डर में मोबाइल नेटवर्क का सहारा लेकर कॉल किया जा सकता है. पुलिस इन सारी बिंदुओं पर जांच कर रही है. सोनू के अन्य साथियों की तलाश की जा रही है. पुलिस के अनुसार वह दुबई जानेवाला था. इसके लिए वह पासपोर्ट भी बना चुका था.