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कई सीडीपीओ व पर्यवेक्षिकाओं पर कार्रवाई, वेतन पर रोक
जिला समाज कल्याण पदाधिकारी प्रियंका सिंह ने जारी किया पत्र देवघर : देवघर ग्रामीण, पालोजोरी तथा मधुपुर को छोड़कर शेष सभी सीडीपीओ और महिला पर्यवेक्षिकाओं का जुलाई 2016 के वेतन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गयी है. इस संबंध में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी प्रियंका सिंह ने पत्र जारी कर दिया है. पत्र […]
जिला समाज कल्याण पदाधिकारी प्रियंका सिंह ने जारी किया पत्र
देवघर : देवघर ग्रामीण, पालोजोरी तथा मधुपुर को छोड़कर शेष सभी सीडीपीओ और महिला पर्यवेक्षिकाओं का जुलाई 2016 के वेतन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गयी है.
इस संबंध में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी प्रियंका सिंह ने पत्र जारी कर दिया है. पत्र में कहा गया है कि इन लोगों ने एमटीसी सेंटर में लक्ष्य के अनुरूप माह जून 2016 में बच्चों की उपस्थिति नहीं पायी गयी. इसे विभाग ने लापरवाही और कार्य के प्रति उदासीनता माना है. उन लोगों की इस लापरवाही के कारण अति कुपोषित बच्चों को समुचित लाभ से वंचित होना पड़ रहा है.
डीएसडब्ल्यूओ ने दिया निर्देश : सभी सीडीपीओ और पर्यवेक्षिकाओं को डीएसडब्ल्यूओ ने निर्देश दिया है कि अविलंब शत-प्रतिशत लक्ष्य के अनुरूप उपस्थिति दर्ज करा कर प्रतिवेदन दें. लक्ष्य की पूर्ति होने तक सभी के जुलाई माह के वेतन पर अगले आदेश तक रोक रहेगी.
चार सेविका व दो सहायिका चयनमुक्त
देवघर. समाज कल्याण पदाधिकारी प्रियंका सिंह ने लंबे समय से अनुपस्थित रह रही चार सहायिका और दो सेविका को चयनमुक्त कर दिया है. चयनमुक्त की गयी सेविकाओं में आंगनबाड़ी केंद्र बैजनाथपुर की नमीता रानी मंडल, फारम नवाडीह की आशा देवी, खड़कुआं कोड 104 की रंजू देवी और केशरगढ़ा की सवाना कौसर शामिल हैं. वहीं चयनमुक्त होने वालों की सूची में पालोजोरी की सहायिका श्रीमती हांसदा और बरियापुर कोड 123 देवीपुर की सहायिका अनिता देवी शामिल हैं. इस संबंध में डीएसडब्ल्यूओ ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र में किसी भी तरह की कोताही बरदाश्त नहीं होगी. सहायिका या सेविका अपनी ड्यूटी करें, नियमित केंद्र खुले और लाभुकों को इसका लाभ मिले.
अनियमितता का मामला पूर्व के डीएसडब्ल्यूओ के कार्यकाल का
देवघर. समाज कल्याण विभाग में प्रशिक्षण के नाम पर हुई वित्तीय अनियमितता के मामला पूर्व के डीएसडब्ल्यूओ के कार्यकाल का है. यह मामला मार्च 2016 का ही है. जबकि वर्तमान डीएसडब्ल्यूओ प्रियंका सिंह ने अप्रैल में कार्यभार संभाला है. ज्ञात हो कि समाज कल्याण विभाग के निदेशक ने तत्कालीन डीएसडब्ल्यू से वित्तीय अनियमितता मामले में शो-कॉज किया था. जिसमें 25 बैचों का विपत्र निदेशालय को भेजना था, प्रशिक्षण अवधि का मानदेय व मकान का किराया जिला स्तर से दिया जाना था. लेकिन उक्त प्रशिक्षण की राशि का भुगतान उन्होंने जिला स्तर से ही संस्था को भुगतान कर दिया गया. इस संबंध में पूछे जाने पर वर्तमान डीएसडब्ल्यू ने कहा कि उन्होंने हाल ही में प्रभार लिया है. उनके कार्यकाल में इस तरह का कोई भुगतान नहीं किया गया है.
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