उसने खुद साजिश रचा और छिनतई का गलत मुकदमा थाने में दर्ज करा दिया. छानबीन में घटनास्थल के आसपास पुलिस को किसी के द्वारा भी घटना की भनक नहीं मिली तो थाना आकर पुलिस ने उससे पूछताछ करना शुरू किया. थोड़ी सख्ती से पुलिस पेश आयी तो उसने असलियत खोल दिया. पुलिस को उसने बताया कि गांव के ही एक व्यक्ति से कर्ज लिया था, उसी का चुकता करने के ख्याल से उसने झूठा मामला थाने में दर्ज कराया.
पुलिस को सुजीत ने बताया कि रुपया समेत मोबाइल उसने गांव के ही एक व्यक्ति को दे दी थी. उस आधार पर पुलिस ने सुजीत की मोबाइल बरामद कर लिया है. हालांकि पैसे के बारे में उसने कहा कि सुजीत ने कोई पैसा नहीं दिया था. पुलिस का कहना है कि सच्चाई सामने आ गया है. मामले में पुलिस विधिसम्मत कार्रवाई करेगी.