मधुपुर. रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या एक व दो के बीच से पिछले 27 जून को बरामद 30 पिस्टल मामले का उदभेदन करने में रेल पुलिस विफल रही है.
घटना के चार माह से अधिक समय बीत चुका है. लेकिन अनुसंधान यथावत है. हथियार तस्करी में कौन-कौन लोग शामिल थे, हथियार का निर्माण कहां हो रहा है. जैसे सवालों के जवाब आज भी रहस्मय बने हुए हैं.बताते चलें कि सभी बरामद पिस्टल 30 एमएम का व अत्याधुनिक थे. रेल पुलिस व आरपीएफ ने सर्च अभियान के दौरान अलग-अलग तीन कार्टुन में रखे इन पिस्टलों को बरामद किया था. हालांकि उस दौरान सभी हथियार तस्कर रेल पुलिस को चकमा देकर भाग निकले थे. बताया जाता है कि बरामद किये गये पिस्टल में सिर्फ पलचर व घोड़ा लगना बाकी था.
किशनपुर में निर्मित पिस्टल से मिलता-जुलता था
स्टेशन बरामद पिस्टल पूर्व में मारगोमुंडा थाना क्षेत्र के किशनपुर गन फैक्ट्री से बरामद पिस्टल से हू-ब-हू मिलता जुलता है. किशनपुर में वर्ष 2010 व 13 में संचालित अवैध मिनी गन फैक्ट्री संचालन के सरगना को भी पुलिस गिरफ्तार करने में अब भी नकाम है. किशनपुर गांव के एक ही घर में दो बार मिनी गन फैक्ट्री संचालन का उदभेदन हुआ था. दोनों ही बार पुलिस ने सिर्फ मकान मालिक व उसके पुत्र और पत्नी को ही गिरफ्तार कर जेल भेजा. कांड में संलिप्त सरगना और उसके आका को धर दबोचने में पुलिस अब तक विफल है.
पहली बार 2010 में हुआ था उदभेदन
किशनपुर में पहली बार 16 मार्च 2010 को मिनी गन फैक्ट्री का उदभेदन हुआ था. तक पुलिस ने तकरीबन पौने दो सौ अर्धनिर्मित पिस्टल समेत आधा दर्जन लेथ मशीन, जेनरेटर, बाइक आदि समान बरामद किया था. जिसमें मो उसमान मियां, मो मुमताज, बसीरन बीबी के अलावा मुंगेर के कासीम बाजार निवासी परशुराम विश्वकर्मा, मो राजु, मो परवेज, रॉकी शर्मा, मो चांद, मो मुमताज, मो आफताब, शेखपुरा निवासी मो नौशाद समेत 11 को नामजद अभियुक्त बनाया गया था.
वर्ष 2013 में भी दर्जनों पिस्टल हुए थे बरामद
पुन: 31 अगस्त 2013 को किशनपुर के मो उसमान के घर से ही मिनी गन फैक्ट्री चलाने का उदभेदन हुआ था. जिसमें दर्जनों पिस्टल, लेथ मशीन, जेनरेटर आदि बरामद हुआ था.
जिसमें मो उसमान के अलावे मुंगेर के मो हसनेन, शाहीद चांद, मो जफर इकबाल, मो एहसान, मो नवरेज व मोनुमियां समेत सात को नामजद किया गया था.