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एलइडी स्ट्रीट लाइट की खरीद व लगाने में हेराफेरी
देवघर : देवघर नगर निगम में एलइडी स्ट्रीट लाइट की खरीद व शहर में उसे लगाने तक में बड़े घोटाले के संकेत मिल रहे हैं. सूचना का अधिकार के तहत निगम से मिले दस्तावेजों से इस बात का खुलासा हुआ है कि सूर्या कंपनी की 120 वाट की 392 पीस एलइडी स्ट्रीट लाइट की खरीद […]
देवघर : देवघर नगर निगम में एलइडी स्ट्रीट लाइट की खरीद व शहर में उसे लगाने तक में बड़े घोटाले के संकेत मिल रहे हैं.
सूचना का अधिकार के तहत निगम से मिले दस्तावेजों से इस बात का खुलासा हुआ है कि सूर्या कंपनी की 120 वाट की 392 पीस एलइडी स्ट्रीट लाइट की खरीद निगम ने दो संवेदकों के माध्यम से की थी. निगम ने एक एलइडी लाइट का 23 हजार भुगतान किया.
देवघर की ही दो कंपनियों ने की आपूर्ति
2014-15 में 90 लाख की लागत से 392 पीस एलइडी लाइट की खरीद की गयी थी. इसके लिए दो कंपनियों को टेंडर दिया गया. मेसर्स तिरुपति इंटरप्राइजेज व मैक इलेक देवघर को 196-196 पीस एलइडी स्ट्रीट लाइट सप्लाई के एवज में भुगतान भी कर दिया गया.
इसमें तीन कंपनियों ने ही टेंडर भरा था. जिसमें दो देवघर और एक तुलस्यान इंटरप्राइजेज रांची की कंपनी थी. सूत्रों के अनुसार टेंडर को मैनेज करने का खेल इस तरह का हुआ कि मात्र तीन ने ही टेंडर भरा जिसमें दो देवघर के ही थे. उन्हीं दोनों को टेंडर मिला भी. 90 लाख की एलइडी लाइट खरीद और 10 लाख मेनटेनेंस के लिए रखा गया है. कुल एक करोड़ का फंड निगम को प्राप्त था.
लाइट लगाने की सूची में भी व्यापक गड़बड़ी
दोनों ही कंपनियों ने 75-75 एलइडी स्ट्रीट लाइट की आपूर्ति तो की. साथ ही उसे स्ट्रीट में लगाने की भी जिम्मेवारी कंपनी की ही थी. सूचना का अधिकार से जो खुलासा हुआ है वह चौंकाने वाला है. क्योंकि अधिष्ठापन में व्यापक गड़बड़ी मिली है.
कंपनियों ने जहां-जहां स्ट्रीट लाइट लगायी है, उसकी सूची के अनुसार एक ही स्थान व वार्ड में दोनों कंपनियों ने एलइडी लाइट लगा दिया है. इस तरह 196 पीस लाइट तिरुपति इंटरप्राइजेज व 196 पीस लाइट मैक इलेक ने जिस-जिस जगह पर लगाया है, उसकी सूची में व्यापक हेराफेरी है.
विभागीय पत्र में ही दिख रहा है कि दर्जनों ऐसे जगह हैं जहां एक ही जगह पर दोनों ही कंपनी ने लाइट लगा दिया है.
पहले लगना था सोलर स्ट्रीट लाइट
विभागीय पत्र में यह जिक्र है कि पहले नगर विकास विभाग से सोलर एलइडी स्ट्रीट लाइट लगाने का प्रस्ताव आया था लेकिन बाद में मौखिक आदेश पर सोलर लाइट की जगह एलइडी स्ट्रीट लाइट की खरीदारी हुई. जो काफी चौंकाने वाला है.
कंपनी के नाम में भी है कन्फ्यूजन
पत्र में जिस तरह की गड़बड़ी सामने आयी है, इससे प्रतीत होता है कि एलइडी लाइट की गुणवत्ता भी सही नहीं है. क्योंकि कंपनी के नाम में कन्फ्यूजन है.
किसी पत्र में हेवेल्स कंपनी तो किसी में सूर्या कंपनी की लाइट खरीदने का बात कही गयी है. कंपनी ने मिले कार्यादेश के अनुसार सूर्या कंपनी की लाइट सप्लाई की.
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