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ब्लड बैंक में रक्त की भारी कमी

देवघर : सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में जरूरी ग्रुप के रक्त का टोटा होता जा रहा है. इस संकट के कारण सदर अस्पताल समेत आसपास के सरकारी व निजी क्लिनिकों में इलाजरत मरीज व उनके परिजनों की परेशानी बढ़ गयी है. चिकित्सीय सलाह के बाद शरीर में रक्त की कमी को दूर करने के […]

देवघर : सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में जरूरी ग्रुप के रक्त का टोटा होता जा रहा है. इस संकट के कारण सदर अस्पताल समेत आसपास के सरकारी व निजी क्लिनिकों में इलाजरत मरीज व उनके परिजनों की परेशानी बढ़ गयी है. चिकित्सीय सलाह के बाद शरीर में रक्त की कमी को दूर करने के अलावा किसी दुर्घटना या गंभीर बीमारी के शिकार होने पर रक्त की आपूर्ति पर समस्या खड़ी होती जा रही है.

जबकि ब्लड बैंक प्रबंधन की अोर से किसी तरह की अोर से समुचित पहल नहीं हो रही है. ऊपर से सिविल सर्जन व ब्लड बैंक प्रबंधन के कड़े नियमों के कारण रक्तदान करने वाली संस्थाए पहल नहीं कर रही है. नतीजा ब्लड बैंक में रक्त का संकट हो गया है. वर्तमान में 500 यूनिट वाले ब्ैंक में ए पॉजीटिव, अो पॉजीटिव व एबी पॉजिटिव की मात्र 10 यूनिट ब्लड है, जबकि कई जरूरी ग्रुप वाला रक्त (ए निगटिव, बी पॉजिटीव, बी निगेटिव, अो निगटेव व एबी निगेटिव) का स्टॉक नहीं है.

क्या कहते हैं रक्तदाता संस्था के संचालक
सिविल सर्जन व ब्लड बैंक के पदाधिकारी को रक्तदाता संस्थाअों के साथ समय अंतराल में बैठक की जानी चाहिए. साथ ही संस्था के प्रतिनिधियों को प्रेरित किये जाने की आवश्यकता है, ताकि समय रहते संकट से उबरा जा सके. इसके लिए डीसी की पहल पर एक कमेटी गठित की जानी चाहिये. जो समस्या से पूर्व निदान की योजना बना सके.
नारायण टिबड़ेवाल, अध्यक्ष, केशव रक्त कोष समिति, देवघर
ब्लड बैंक में रक्त की कमी के लिए खुल ब्लड बैंक प्रबंधन जिम्मेवार है. उसके द्वारा गलत प्रबंधन के कारण ही आज यह संकट खड़ा हुआ है. आखिर किसी भी संस्था के सदस्य जब रक्त का दान करेंगे व उनको जरूरत पड़ेगी, तो वो किससे रक्त मांगने जायेंगे. ऐसे में सहयोग न करने पर संस्था रक्त का कोष क्यों बढ़ायेगी.
डॉ सुनील आर्या, महात्मा हैनिमेन सेवा समिति, देवघर.
पूर्व के सिविल सर्जन द्वारा रक्त दान संबंधी जो भी नियम बनाये गये हैं. उसमें बदलाव जरूरी है. इससे भी ज्यादा जरूरी है कि रक्त दान करने वाली संस्था व लोगों को जागृत करना. ताकि समस्या का जड़ से निदान हो सके.
मधुकर चौधरी, सचिव, केशव रक्तकोष समिति, देवघर
ब्लड बैंक में रक्त की कमी की जानकारी मीडिया से मिली है. इमरजेंसी हालात उत्पन्न न हो. इसके लिए डोनर संस्था व सिविल सर्जन से बातें की जायेगी. जल्द ही समस्या का निदान निकाल लिया जायेगा.
असीम सिन्हा, प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी, सदर अस्पताल.
क्या कहते हैं प्रभारी
पूर्व के सीएस ने ब्लड बैंक में रक्त कमी की संकट को देखते हुए कुछ नियम बनाये थे. नियमों के तहत 20 यूनिट से कम रक्त रहने पर डोनर कार्ड के इस्तेमाल पर रोक होगा. यदि इमरजेंसी रही तो सीएस से अनुमोदन करानी पड़ेगी. बैंक में रक्त की कमी को दूर करने के लिए बीआइटी व कई अन्य संस्थाअों से अपील की गयी है.
डॉ मनोज गुप्ता, ब्लड बैंक प्रभारी, सदर अस्पताल.

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