उसके बाद ही अभिलेख को गोपनीय शाखा से अभिलेखागार में भेजा गया था. बताया जाता है कि तत्कालीन डीसी द्वारा करायी गयी जांच की रिपोर्ट व जमीन के दस्तावेज को बक्शे में बंद कर सील करने की प्रक्रिया के दौरान कौन-कौन वहां मौजूद था, उसकी पूरी जानकारी सीबीआइ अधिकारियों ने ली. उसके बाद बक्शे को सील करने से लेकर वाहन में रखने व अभिलेखागार तक पहुंचाने के वक्त किन-किन कर्मियों की मौजूदगी थी.
उनका नाम पूछा गया. सूत्रों के अनुसार अभिलेखागार के कर्मियों से पूछताछ में जांच दायरे के अलावा अन्य कौन सी जमीन का दस्तावेज मंगवाया गया था, उसकी पूरी जानकारी ली गयी. जांच के दायरे वाली जमीन के दस्तावेजों को दफ्तरी के अलावा कौन-कौन लोगों ने हाथ लगाया था व किन कर्मियों के हाथों से जांच अधिकारी तक दस्तावेज पहुंचाये गये थे. इसकी बिंदुवार पूछताछ हुई. मालूम हो कि अभिलेखागार चोरी कांड में सीबीआइ ने बक्शा के ताले का फिंगर प्रिंट व चोरी गयी दस्तावेज के अवशेष की फोरेंसिक जांच के लिए दिल्ली भेजा है. अब तक इसकी जांच रिपोर्ट नहीं आयी है.