जबकि हाल के दिनों में सीएस के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग में प्रतिनियुक्त चिकित्सक, एएनएम व पारा मेडिकल कर्मियों का डेपुटेशन रद्द कर उन्हें मूल पदास्थापन स्थल पर भेजने का निर्देश जारी किया गया था. इसके बाद राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गयी है. इसे देखते हुए मुख्य सचिव ने नये सिरे से विचार करते हुए जिले में डीसी के नेतृत्व में डीडीसी व सीएस की स्क्रीनिंग कमेटी गठित की थी. समस्याओं को देखते हुए कमेटी ने सदर अस्पताल मे पांच चिकित्सकों को बरकरार रखा.
जबकि आवश्यकतानुसार सीएचसी व पीएचसी में रिक्तियां भरने के बाद 35 से अधिक एएनएम व पारा मेडिकल कर्मियों को वापस सदर अस्पताल में डयूटी पर लगाया गया. मगर पांच चिन्हित चिकित्सकों के अलावा कुछ अन्य चिकित्सकों से भी सदर अस्पताल में मौखिक आदेश पर डयूटी ली जा रही है. वहीं कई अन्य लोगों से लेने की तैयारी चल रही है.
उधर, जिले के प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा लगातार पीएचसी, सीएचसी व उप स्वास्थ्य केंद्रों में जांच कर डयूटी पर तैनात चिकित्सक व कर्मियों की रिपोर्ट वरीय पदाधिकारियों को भेजी जा रही है. यही वजह है कि जिले के तीन पीएचसी प्रभारियों को उनके डयूटी स्थल पर अनुपस्थित पाकर वेतन पर रोक भी लगा दी गयी है. ऐसे में मौखिक आदेश पर सदर में डयूटी करने वालों के साथ किसी तरह की समस्या होने पर जिम्मेवारी किसकी होगी.