देवघर. बालिकाओं के साथ यौन अपराध की घटनाओं को लेकर दर्ज मुकदमों का स्पीडी ट्रायल स्पेशल कोर्ट में चल रहा है. स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट की अदालत द्वारा विगत तीन माह यानी जनवरी 2025 से मार्च 2025 तक 25 मामलों में फैसले सुनाये गये, जिसमें से महज दो मामलों के पांच अभियुक्तों को ही सजा मिल पायी है. शेष 23 मामलों के 28 आरोपितों को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया है. फैसले सुनाये गये मुकदमों को औसतन देखा जाये, तो हर माह आठ मुकदमों में फैसले आ रहे हैं. इनमें दो मामलों में सजा सुनायी गयी है, जिसमें सजा के साथ-साथ जुर्माना भी लगाया गया है. रिहा होने वाले मुकदमों में अभियोजन पक्ष की ओर से पर्याप्त सबूत नहीं जुटा पाया, जिसके चलते संलिप्त लोगों को राहत मिल गयी. केस की सुनवाई के लिए बना है स्पेशल कोर्ट जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में घटी बाल यौन शोषण की घटनाओं को लेकर जितने भी केस दर्ज हो रहे हैं, उसकी सुनवाई के लिए व्यवहार न्यायालय परिसर में स्पेशल कोर्ट बना है, जहां पर इस प्रकार के मामलों की सुनवाई होती है. प्रत्येक जिले में पॉक्सो एक्ट स्पेशल कोर्ट बना है, जिसमें स्पेशल जज होते हैं. वर्तमान में देवघर सिविल कोर्ट कैंपस में पॉक्सो एक्ट स्पेशल कोर्ट है, जहां पर मुकदमों का स्पीडी ट्रायल हो रहा है और फैसला सुनाया गया. अभियोजन पक्ष की ओर से स्पेशल लोक अभियोजक नियुक्त हैं, जो सरकार की ओर से पक्ष रखते हैं. —-
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है