रांची/देवघर: झारखंड हाइकोर्ट में बुधवार को देवघर जमीन घोटाले को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस आरआर प्रसाद व जस्टिस रवि नाथ वर्मा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के मौखिक जवाब को रिकार्ड पर नहीं लिया. सरकार को शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.
खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए सात जनवरी की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व सरकार की ओर से बताया गया कि रामकुमार मधेशिया, रूपलाल मांझी, सिद्धार्थ चौधरी, भोगेंद्र ठाकुर, राम नारायण राय व वीरेंद्र कुमार के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है. सीबीआइ ने आरसी 15ए/2012 व आरसी 16ए/2012 में आठ लोगों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मांगी थी. अब इन अधिकारियों पर मुकदमा चलेगा. इसमें वीरेंद्र कुमार सेवानिवृत हो चुके हैं.
जबकि शेष राज्य सरकार सेवा क्षेत्र में पद पर बने हुए हैं. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी जिला बार एसोसिएशन देवघर ने याचिका दायर की थी. कोर्ट के आदेश पर सीबीआइ ने देवघर भूमि घोटाला मामले की जांच की है. सीबीआइ ने आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया गया है.