देवघर : सरकार द्वारा सुविधाएं बढ़ाने के साथ ही सरकारी अस्पतालों में प्रसव कराने की तादाद में बढ़ोतरी आयी है. शहर में निजी क्लिनिक रहने के बावजूद लोग सरकारी अस्पताल की ओर रुख कर रहे हैं. पहले जहां लोग प्रसूता को लेकर सीधे निजी क्लिनिक जाते थे, वहीं अब सरकारी अस्पताल जाने लगे हैं. इसके पीछे कई वजहें हैं.
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सदर अस्पताल में सात महीने में 481 सिजेरियन
देवघर : सरकार द्वारा सुविधाएं बढ़ाने के साथ ही सरकारी अस्पतालों में प्रसव कराने की तादाद में बढ़ोतरी आयी है. शहर में निजी क्लिनिक रहने के बावजूद लोग सरकारी अस्पताल की ओर रुख कर रहे हैं. पहले जहां लोग प्रसूता को लेकर सीधे निजी क्लिनिक जाते थे, वहीं अब सरकारी अस्पताल जाने लगे हैं. इसके […]
सरकार मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा दे रही है. इसी के तहत सरकारी अस्पतालों को सुविधा संपन्न किया जा रहा है. इसका एक फायदा यह हुआ कि हालिया कुछ सालों में सदर अस्पताल व अन्य सरकारी अस्पतालों में सिजेरियन में बढ़ोतरी हुई है.
2019 के जनवरी से जुलाई तक 481 महिला मरीजों का सिजेरियन किया जा चुका है. जबकि पूरे साल में भी सिजेरियन इतना नहीं होता था. लेबर वार्ड फुल हो जाने को लेकर गायनो ने सिविल सर्जन को पत्र देकर सदर अस्पताल के चौथी मंजिल पर महिलाओं के लेबर वार्ड के लिए बेड लगाने की मांग की है.
सात महीने के आंकड़े
महीना ऑपरेशन की संख्या
जनवरी 58
फरवरी 66
मार्च 51
अप्रैल 72
मई 87
जून 56
जुलाई 91
कहते हैं अधिकारी
सदर अस्पताल के लेबर वार्ड फुल होने से किसी मरीजों को परेशानी नहीं होगी. बेड को बढ़ाया जा रहा है, साथ ही चौथी मंजिल पर भी सात बेड की व्यवस्था की गयी है.
डॉ विजय कुमार, सिविल सर्जन देवघर
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