देवघर : मारवाड़ी कांवर संघ के सफाईकर्मी रिखिया थाना क्षेत्र के नया चितकाठ गांव निवासी नरेश रमानी (58) की संदिग्ध परिस्थिति में बाथरूम में मौत हो गयी. इस संबंध में उसके पुत्र विकास रमानी ने नगर थाने में एफआइआर दर्ज करायी है. जिसमें आरोप लगाया है कि उसके पिता मधुमेह से पीड़ित थे.
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सफाई कर्मी की संदिग्ध परिस्थिति में मौत
देवघर : मारवाड़ी कांवर संघ के सफाईकर्मी रिखिया थाना क्षेत्र के नया चितकाठ गांव निवासी नरेश रमानी (58) की संदिग्ध परिस्थिति में बाथरूम में मौत हो गयी. इस संबंध में उसके पुत्र विकास रमानी ने नगर थाने में एफआइआर दर्ज करायी है. जिसमें आरोप लगाया है कि उसके पिता मधुमेह से पीड़ित थे. 11 जून […]
11 जून से उसकी हालत बिगड़ने के बावजूद मारवाड़ी कांवर संघ प्रबंधन द्वारा उनका इलाज नहीं कराया गया और उन्हें मांगने पर छुट्टी भी नहीं दी गयी. नरेश वहां 36 साल से सफाइकर्मी के तौर पर कार्य रहे हैं. उनका पीएफ का पैसा नहीं दिया गया है और तीन माह का मानदेय भी बकाया रख लिया गया है.
पुत्र द्वारा दर्ज कराये गये मामले में मारवाड़ी कांवर संघ के महामंत्री रामनाथ शर्मा सहित कार्यवाहक अध्यक्ष काशी प्रसाद चौधरी, सदस्य महावीर प्रसाद शर्मा, प्रबंधक रामाकांत गर्ग व घनश्याम पंडा को आरोपित बनाया गया है. जिक्र है कि नरेश रमानी 11 जून से बीमार थे. यह सूचना पर पुत्र विकास रमानी परिजनों के साथ उनसे मिलने पहुंचा था
. वहां उनकी स्थिति काफी गंभीर देखकर धर्मशाला के प्रबंधकों से मिला था और पिता को इलाज कराने के लिए छुट्टी देने का आग्रह किया था. कांवर संघ के उपरोक्त पदाधिकारियों व प्रबंधकों ने परिजनों समेत उसे गाली-गलौज कर पिता को छुट्टी नहीं देने की बात कही थी. इसके बाद वे लोग पिता को दवा खरीदकर दिया व वापस घर लौट गये
. 14 जून को पिता ने फोन कर बताया था कि उसकी स्थिति काफी खराब है व इलाज की जरूरत है, लेकिन सभी व्यवस्थापक क्रूरतापूर्ण व निर्दयतापूर्ण व्यवहार कर रहे हैं. 15 जून की सुबह 10 बजे बहन रुबी, बहनोई सोनू, ग्रामीण सुबोध, लड्डू के साथ धर्मशाला पहुंचे और कांवर संघ के पदाधिकारियों से मिलकर पिता के इलाज के लिए छुट्टी मांगी, लेकिन न ही उन्हें छुट्टी दी गयी और इलाज भी नहीं कराया गया.
16 जून की सुबह छह बजे धर्मशाला के स्टाफ ने घर पहुंचकर बताया कि उसके पिता की बाथरुम में मौत हो गयी. इसके बाद परिजनों के साथ धर्मशाला पहुंचने पर पिता को मृत पाया. प्रबंधकों से कहा कि आपलोगों के उपेक्षापूर्ण रवैये व पिता को छुट्टी नहीं देने से ही मौत हो गयी. इस पर उनलोगों ने कहा कि जो करना है करो. यह भी जिक्र है कि धर्मशाला में हमेशा अवैध कार्य होता था, जिसका हमेशा पिताजी विरोध करते थे. पुत्र का आरोप है कि पिताजी का समय पर इलाज नहीं करने व छुट्टी नहीं देने से ही मौत हो गयी. इस संबंध में मामला दर्ज कर नगर पुलिस पड़ताल में जुटी है.
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