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देवघर में मल्टीमॉडल फ्रेट हब बनाने की पहल की
देवघर : इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के बाद अब देवघर को मल्टीमॉडल फ्रेट हब बनाने की पहल सांसद ने की है. गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने केंद्रीय औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग के सचिव रमेश अभिषेक से मिल कर देवघर को यातायात के सभी साधनों का माल ढुलाई केंद्र (फ्रेट) बनाने का प्रस्ताव दिया है. देवघर […]
देवघर : इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के बाद अब देवघर को मल्टीमॉडल फ्रेट हब बनाने की पहल सांसद ने की है. गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने केंद्रीय औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग के सचिव रमेश अभिषेक से मिल कर देवघर को यातायात के सभी साधनों का माल ढुलाई केंद्र (फ्रेट) बनाने का प्रस्ताव दिया है. देवघर को मल्टीमॉडल फ्रेट हब बनाने को लेकर सांसद ने सचिव को कई बिंदुओं पर सुझाव दिये.
सांसद ने कहा है कि संताल परगना के देवघर, गोड्डा, दुमका, जामताड़ा, पाकुड़, साहिबगंज जिले में करीब 75 फीसदी लोग गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर कर रहे हैं. यह इलाका आदिवासी व पिछड़ा बहुल है. यह जिला सामाजिक, शैक्षणिक व आर्थिक रूप से काफी पिछड़ा है. स्वास्थ्य, साक्षरता व आय की दृष्टि से कमजोर है. इसे देखते हुए संताल परगना क्षेत्र में मल्टीमॉडल फ्रेट हब बनाया जाये, ताकि यहां की सड़क, रेल, जल व वायु मार्ग की आधारभूत संरचनाओं को विकसित किया जा सके.
इससे यहां के लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाया जा सकता है. इन छह जिलों में 70 किलोमीटर की खाली जमीन को मल्टीमॉडल फ्रेट हब में शामिल किया जा सकता है. इस इलाके में चार एनएच, देवघर में एयरपोर्ट व साहिबगंज में जलमार्ग व बंदरगाह करीब सौ किलोमीटर के दायरे में आता है. देवघर मल्टीमॉडल फ्रेट हब बन जाने से पूरे संताल परगना का तेजी से विकास होगा. इसके निर्माण से झारखंड जैसे राज्य में माल ढुलाई के लिए भूमि की बाध्यता नहीं रहेगी. इससे विकास के द्वार भी खुलेंगे.
संताल परगना के इन छह जिले में साहिबगंज जलमार्ग से कोलकाता बंदगाह तक पोर्टलैंड भूमि को विकसित किया जा सकता है. इससे पूर्व पोर्टलैंड भूमि के विकास के लिए दिये गये प्रस्ताव को री-डिजाइन किया जाये, ताकि देवघर से री-डिजाइन मल्टीमॉडल फ्रेट कोलकाता से जुड़ सके. सांसद ने राज्य के उद्योग निदेशक के रवि कुमार को भी पत्र लिखा है.
सांसद डॉ निशिकांत ने केंद्रीय सचिव को कई बिंदुओं पर सुझाव दिये
क्या है मल्टीमॉडल फ्रेट हब
मल्टीमॉडल फ्रेट हब जल, वायु, रेल व सड़क मार्ग की आधारभूत संरचनाओं में सुधार लाने और विकसित करने की योजना है. इसे परिवहन गलियारा भी कहा जाता है. जहां से विभिन्न शहरों में माल ढुलाई आसानी से हो सके.
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