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भीषण गर्मी का असर. मवेशी भी कर रहे त्राहिमाम
देवघर : भीषण गर्मी का असर जिले के दुग्ध उत्पादन पर पड़ा है. देवघर में दूध का उत्पादन 30 फीसदी घट गया है. दूध का यह उत्पादन पिछले एक माह के दौरान तेजी से घटा है. उत्पादन में तेजी से आयी कमी वजह मवेशियों को पर्याप्त पानी नहीं मिलना व धूप का सीध असर है. […]
देवघर : भीषण गर्मी का असर जिले के दुग्ध उत्पादन पर पड़ा है. देवघर में दूध का उत्पादन 30 फीसदी घट गया है. दूध का यह उत्पादन पिछले एक माह के दौरान तेजी से घटा है. उत्पादन में तेजी से आयी कमी वजह मवेशियों को पर्याप्त पानी नहीं मिलना व धूप का सीध असर है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से गाय व भैंस के शरीर में धूप का असर पड़ने से दूध कम देने लगती है.
देवघर के बाजार में गांवों से आने वाली दूध की मात्रा में भी कमी आयी है. शादी-विवाह के इस मौसम में दूध कम होने की वजह से पर्याप्त मिठाई नहीं बन पा रही है. दूध के उत्पादन में आयी कमी का असर झारखंड मिल्क फेडरेशन के मेधा डेयरी में भी हुआ है. मेधा डेयरी में एक माह पहले प्रतिदिन 20 हजार लीटर दूध का कलेक्शन पशुपालकों से होता था,
लेकिन गर्मी की वजह से अब कलेक्शन 16 से 17 हजार लीटर हो गया है. अब मेधा डेयरी को मार्केट में डिमांड के अनुसार दूध की आपूर्ति करने के लिए पशुपालकों की संख्या बढ़ा दी है. 20 हजार लीटर दूध मेंटेन करने के लिए मेधा डेयरी ने अतिरिक्त 250 पशुपालकों से दूध खरीदना शुरू कर दिया है.
क्यों घटा दूध का उत्पादन
आमतौर पर गर्मी के दिनों में हरा चारा का उत्पादन भी कम हो जाता है, जिससे मवेशियों को जरूरत के अनुसार हरा चारा नहीं मिल पाता है. विशेषज्ञों के अनुसार हरा चारा से दूध उत्पादन में वृद्धि होती है. मवेशियों को टीन की चदरा वाले छप्पर के नीचे बांध दिया जाता है, इससे चदरा गर्म होकर तेजी से मवेशियों पर असर करता है. इससे मवेशियों की दुग्ध उत्पादन क्षमता घटती जाती है. मनरेगा का पशु शेड खुले में बना दिया जाता है. अक्सर गर्मी में मवेशियों को पानी भी पर्याप्त देने में पशुपालक ध्यान नहीं दे पाते हैं, जिससे दूध का उत्पादन कम हो जाता है.
भोजन व रहने की व्यवस्था बेहतर करने की जरूरत
झारखंड मिल्क फेडरेशन के अधिकारी मिलन मिश्रा ने बताया कि गर्मी में मवेशियों पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है. पशु शेड टीन के चदरा की जगह पुआल या एस्बेस्टस से बनाना चाहिए. गर्म चदरे के कारण दूध उत्पादन में कमी के साथ-साथ गाय कमजोर हो सकती है. वैसे गव्य विकास से दिये जाने वाली गाय की योजना में पशु शेड बनाने के लिए राशि दी जाती है. हरा चारा व पानी पहले की तरह पर्याप्त मात्रा में देने का प्रयास करें, तभी गाय संतुलन में दूध देगी.
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