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बैंक में नोटों की कमी, हो सकती है कैश की किल्लत

एक एटीएम धारक एक दिन में 40 हजार तक ही कर सकता है निकासी दाे हजार व पांच सौ के नोटों का क्राइसिस, छोटे नोटों से चल रहा है काम शहरी क्षेत्र में हैं करीब 55 एटीएम काउंटर ग्राहकों को पैसे निकालने के लिए बैंकों के लगाने पड़ सकते हैं चक्कर देवघर : शहर के […]

एक एटीएम धारक एक दिन में 40 हजार तक ही कर सकता है निकासी

दाे हजार व पांच सौ के नोटों का क्राइसिस, छोटे नोटों से चल रहा है काम
शहरी क्षेत्र में हैं करीब 55 एटीएम काउंटर
ग्राहकों को पैसे निकालने के लिए बैंकों के लगाने पड़ सकते हैं चक्कर
देवघर : शहर के बैंक ग्राहकों को नोटों की क्राइसिस झेलनी पड़ सकती है. दरअसल, बैंक ग्राहकों के खातों में पैसे तो हैं, मगर एटीएम से आवश्यकतानुसार रुपयों की निकासी नहीं हो पा रही है. फिलहाल बैंकों में डेली कलेक्शन से जो राशि आ रही है, उस से एक-दो दिनों तक शहर के एटीएम काउंटरों में राशि भरे जा सकते हैं. इसके बाद बैंक ग्राहकों को कैश की समस्या से जूझना पड़ सकता है. बैंक सूत्रों से जानकारी के अनुसार, चेस्ट में 2000 रुपये व 500 रुपये के नोटों की खासी क्राइसिस है. चेस्ट में मौजूद 2000 व 500 रुपये के नोटों के 90-95 फीसदी स्टॉक काउंटरों में भर दिया गया है. वो नोट धीरे-धीरे खर्च हो रहे हैं.
ऐसे में यदि आरबीआइ, पटना की अोर से एसबीआइ, देवघर के साधना भवन स्थित चेस्ट में बड़े नोटों वाली राशि नहीं भेजी गयी तो एटीएम काउंटर में समस्या खड़ी हो सकती है. एक बार फिर ग्राहकों को राशि निकालने के लिए बैंक जाना पड़ सकता है और लंबी कतार में परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
रोजाना 40 हजार तक निकासी का है नियम : आरबीआइ के निर्देशानुसार कोई भी बैंक ग्राहक एक दिन में 40 हजार रुपये तक की निकासी कर सकते हैं. इसके लिए ग्राहकों को एटीएम काउंटर से 40 नोटों की लिमिट है. ऐसे में बड़े नोटों की कमी के कारण एक-दो दिनों से 200 रुपये के नोट डाले गये हैं. यदि 40 हजार की निकासी करनी पड़ी तो 200 वाले नोटों से उनकी आवश्यकताअों की पूर्ति नहीं होगी अौर खाताधारियों को समस्या झेलनी पड़ सकती है.
डेली कलेक्शन से एटीएम में डाले जा रहे रुपये
आरबीआइ से पैसे पहुंचने में हैं कई पेच
बैंक सूत्रों से जानकारी के अनुसार, आरबीआइ से देवघर पैसे लाने के लिए पहले देवघर पुलिस प्रशासन से सुरक्षा मुहैया कराये जाने को लेकर प्रोपर स्वीकृति लेनी पड़ती है. प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद आरबीआइ को सूचित करना पड़ता है. फिर आरबीआइ से फाइनल स्वीकृति मिलने के बाद यहां से गाड़ियों की बुकिंग व सुरक्षा का बंदोबस्त कर बैंक पदाधिकारी पटना या रांची के लिए निकलते हैं.

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